राजस्थान में पिछले कई दिनों से रेप के मामलों में जिस तरह से बढ़ोतरी हुई है उसको लेकर गहलोत सरकार से सवाल पूछना बनता है कि आखिर सूबे में बहू-बेटियों की सुरक्षा कौन करेगा. क्योंकि आपके राज में तो खाकी पर भी विश्वास नहीं किया जा सकता है …दरअसल ताजा मामला कुछ ऐसा ही है जहां रक्षक ही भक्षक बन गया हैं।

दरअसल पूरा मामला केसरीसिंहपुर कस्बे का है। जहां 30 साल की शादीशुदा महिला ने मनीराम चौहान नाम के सिपाही द्वारा सताए जाने के बाद नहर में कूदकर खुदकुशी कर ली. महिला के तीन बच्चे भी हैं। खुदकुशी से पहले पीड़ित महिला ने जो वीडियो बनाया उसके मुताबिक मनीराम ने उसका बार बार दुष्कर्म किया इतना ही नहीं सिपाही की पत्नी भी उसे तंग करती थी। एसपी राजन दुष्यंत ने बताया कि सिपाही मनीराम पर मुकदमा दर्ज कर उसको निलंबित कर दिया गया है। पुलिस को दी रिपोर्ट में मृतिका के पति ने बताया कि उसका और उसकी पत्नी का सिपाही मनीराम के बीच कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। जिसकी वजह से वो बेहद परेशान थी इससे वह बेहद परेशान रहने लगी थी। गांव में कई बार पंचायत लगाकर मामले को निपटाने की कोशिश की गई लेकिन कोई समाधान नहीं निकला . आखिर में पीड़ित महिला के पास खुदकुशी के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा .

महिला ने सुसाइड से पहले वीडियो बनाकर कहा, “मैं बस आज अपनी जिंदगी खत्म करने जा रही हूं। सॉरी मम्मी-पापा, भैया-भाभी सबको। मैं आज अपने बच्चों को छोड़कर जा रही हूं क्योंकि मैं अपनी जिंदगी से तंग आ गई हूं। मेरे मरने की वजह मनीराम चौहान जो पुलिस में है और उसकी पत्नी दोनों हैं। सिर्फ और सिर्फ मैं उनकी वजह से आत्महत्या करने जा रही हूं। मनीराम चौहान ने मेरा बार-बार दुष्कर्म किया, मुझे ब्लैक मेल किया। मेरा शारीरिक शोषण किया और उसकी पत्नी ने मुझे परेशान कर दिया। इसमें किसी की कोई गलती नहीं है। सिर्फ और सिर्फ मनीराम चौहान व उनकी पत्नी जिम्मेदार है। सबको मेरी तरफ से राम-राम।”

https://www.youtube.com/watch?v=hQB4KEanLtk

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पिछले साल बारां गैंगरेप की घटना ने सबको हिला कर रख दिया था लेकिन सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंगी. उस वक्त राहुल गांधी अपनी ही सरकार वाले राज्य में नहीं पहुंचते हैं लेकिन हाथरस जाने की छटपटाहत बहुत ज्यादा थी. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अपने ही राज्य के बारां जिले में नहीं आते हैं. आखिर बेटियों की इज्जत पर सियासत, ये ठीक नहीं है.

दुष्कर्म के मामलों पर गहलोत सरकार की चुप्पी डराने लगी है. ऐसी वारदातों को अंजाम देनेवालों का हौसला इतना बढ़ता जा रहा है जिसपर सरकार आखें बंद कर बैठी हुई है । राज्य में कांग्रेस की सरकार है। लेकिन इन सारे मामलों पर कांग्रेस के आला नेताओं की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। आखिर इन मामलों की वैसी रिपोर्टिंग क्यों नहीं हो रही जैसी की यूपी या फिर बीजेपी शाषित राज्यों की होती है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की गाड़ी आखिर राजस्थान की तरफ क्यों नहीं मुड़ रही है। ऐसे मामले यूपी में आते ही सबसे पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ही राजनीतिक माइलेज लेने के लिए फटाफट पहुंचने की कोशिश में लग जाते हैं। लेकिन राजस्थान में आए दिन हो रहे इस तरह के मामलों पर वह चुप क्यों हैं? सवाल ये कि आखिर बेटियां सुरक्षा मांगे तो किससे ?

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