नवरात्रि में देवी द्वारा धारण किए गए नौ रूप एवं उनकी कार्यानुसार विशिष्टताएं !

युगों युगों से नवरात्रि का व्रत किया जाता है। इन नौ दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है । नवरात्रि...

सर्वपितृ अमावस्या का महत्त्व

प्रति वर्ष श्राद्ध विधि करना यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण आचार धर्म है एवं उसका महत्व अनन्य साधारण है। पुराणकाल से चलती आ...

श्राद्ध में भोजन परोसने की पद्धति !

‘देवकर्म में सर्व विधियां देवता का आवाहन करने के लिए होती हैं, जबकि पितृकर्म में प्रत्येक विधि पितरों का आवाहन करने के लिए की...

पितृपक्ष और श्राद्धकर्म : पितृऋण चुकाने का सहज एवं सरल मार्ग !

हिंदू धर्म में उल्लेखित ईश्वरप्राप्ति के मूलभूत सिद्धांतों में से एक सिद्धान्त ‘देवऋण, ऋषिऋण, पितृऋण और समाजऋण’ इन चार ऋणों को चुकाना है। इनमें...

श्री कृष्ण भक्तों का महापर्व – जन्माष्टमी

पुराणों के अनुसार सतयुग, द्वापर, त्रेता और कलयुग इन चार युगों में समयकाल विभाजित है। द्वापर युग में युगपुरूष के रूप में असमान्य शक्तियों...

भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे उत्तम मास – श्रावण मास

भगवान शिव के प्रिय मास सावन या श्रावण मास में भगवान शिव और उनके परिवार की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के...

रामराज्य के लिए साधना करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार, अनैतिकता और अराजकता से लड़ना चाहिए! – सदगुरु डॉ चारुदत्त पिंगले, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिंदू जनजागृति समिति

व्यक्तिगत जीवन में साधना करने से अंतरात्मा में रामराज्य की स्थापना होगी; परंतु सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन में रामराज्य की स्थापना के लिए हमें...

विश्व को सनातन धर्म की एक अनमोल देन है ‘गुरु-शिष्य परंपरा’!

शिष्य को एवं भक्तों को बाहर निकालने वाले, उनसे आवश्यक साधना करवा कर लेने वाले एवं कठिन समय में उनको अत्यंत निकटता एवं निरपेक्ष...

भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए एक महापर्व है जगन्नाथ यात्रा !

जगन्नाथ यात्रा, भगवान श्री जगन्नाथ के अर्थात् भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए एक महापर्व है ! पुरी का मंदिर कलियुग के चार धामों...

….इसलिए अब ज्ञानवापी की मुक्ति के लिए संगठित हो जाओ! – डॉ. सोहन लाल आर्य, ज्ञानवापी मुक्ती संघर्षकर्ता, उत्तर प्रदेश

वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव’       वर्ष 1679 में औरंगजेब ने न केवल श्री काशी विश्वनाथ का ज्ञानवापी मंदिर तोड़ा, बल्कि भारत में...