देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं और इस मौके को भव्य और यादगार बनाने के लिए केंद्र सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसी कड़ी में बीजेपी ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान लॉन्च किया ताकि देशवासी 15 अगस्त को भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ को जोर शोर से मनाएं। लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियों को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा है.

दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान का आह्वान किया और लोगों से अपील की कि सभी सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफ़ाइल पिक में तिरंगा को लगाए,  देशवासियों ने निस्स्वार्थ भाव से इसका समर्थन किया तो वही कांग्रेस पार्टी ने इस अभियान के जवाब में एक नए अभियान की शुरूआत करते हुए पार्टी से जुड़े लोग हाथ में तिरंगा लिए जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर को अपनी डीपी पर लगा दिया. कांग्रेसियों की कुंठा इसी से समझी जा सकती है कि पार्टी ने ‘हर घर तिरंगा’ जैसे अभियान में भी अपना एजेंडा घुसा दिया और अपनी चाटुकारिता का परिचय दिया.

लेकिन कांग्रेस ठहरी देश की सबसे पुरानी पार्टी जो देश को आजाद कराने का क्रेडिट हमेशा लेते रहती है. लेकिन उनका क्या जो देश की राजनीति बदलने आये थे वो तो आजादी की तारीख ही बदल रहे हैं. जी हां बात यहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हो रही है जो कभी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगते हैं तो कभी कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म पर बनी फिल्म को लेकर सदन में ठहाके लगाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से पहले उन्होंने एक ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने वीडियो संदेश के साथ अपील की है कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या यानि 14 अगस्त, शाम 5 बजे पूरी दिल्ली हाथ में तिरंगा लेकर मिलकर राष्ट्रगान गाएगी।

लेकिन अब सोशल मीडिया पर केजरीवाल की इस अपील के बाद उनके फैसले का विरोध हो रहा है. लोग ये सवाल पूछ रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल ने इस आयोजन के लिए 14 अगस्त की ही तारीख क्यों चुनी ? इसी दिन भारत का बंटवारा हुआ था और पाकिस्तान बना था। भारत ने विभाजन की त्रासदी झेली। महिलाओं का बलात्कार और हिंदुओं का नरसंहार हुआ। 14 अगस्त को आजादी का दिन बॉर्डर के इस पार नहीं, उस पार होता है। दिल्ली में स्वाधीनता दिवस 15 अगस्त को ही मनाया जाएगा। आपको पाकिस्तान का जश्न मनाना है तो उधर जाकर मनाइए।

बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने केजरीवाल को घेरते हुए कहा कि “यह अच्छी तरह से जानते हुए कि भारत को 15 अगस्त को स्वतंत्रता मिली थी, लेकिन हम समझते हैं कि शाहीन बाग में जिन्ना वाली आजादी का समर्थन करने वाले 14 अगस्त को इसे क्यों मनाना चाहेंगे।”

इसे विडंबना ही कहेंगे कि जहां एक तरफ देश भर में आजादी का जश्न जोर-शोर से मनाने की तैयारी की जा रही है तो वहीं कुछ लोग देश और तिंरगे की आड़ में अपना प्रोपेगेंडा चलाने से बाज नहीं आ रहे हैं !

 

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