राम जन्मभूमि आंदोलन में कई संतों ने अपने जीवन की ऊर्जा को लगाया है इसी में महंत नृत्य गोपाल दास जी का नाम सबसे प्रमुख है। जब भक्त नृत्य गोपाल दास के दर्शन के लिए आते हैं तब कुछ देर बाद पर्दा खुलता है। पीछे अस्पताल के रोटेटिंग बेड पर सिरहाना लगाए गुरुजी बैठे हैं। पास खड़ा एक शिष्य उनके पैर दबा रहा है। वो प्यार से उसका सिर सहला देते हैं। वैसे 85 साल के नृत्यगोपालदास बमुश्किल कुछ कहते हैं। भक्तों को देखकर या तो मुस्कुरा देते हैं या फिर हाथ उठाकर आशिर्वाद देते वक्त उनके मुंह से जयसियाराम निकल जाता है।

नृत्य गोपाल दास का जन्म मथुरा में हुआ था और अध्यात्म में रुचि के चलते हुए अयोध्या चले आए। गोपाल दास राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। 92 में जब बाबरी मस्जिद टूटी थी तब इन पर भी मुकदमा चला था मगर फिर कोर्ट ने इन्हें बाइज्जत बरी कर दिया।

नृत्य गोपाल दास बीमारी के चलते अपने आश्रम में ही रहते हैं 2020 में जब जन्म भूमि में मंदिर वाली जगह की पूजा हुई थी तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ नृत्य गोपालदास भी मौजूद थे उन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर की लड़ाई में लगा दिया है ऐसे संतो को कोटि-कोटि नमन।

 

 

 

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