देश की सबसे पुरानी पार्टी होने का हर समय ढींढोरा पीटने वाली कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। इतने बुरे दौर से गुजरने के बाद भी कांग्रेस समझने को तैयार नहीं है. हर बार कुछ न कुछ कर के अपनी ही भद्द पिटवाती रहती है. इसका ताजा उदाहरण है शुक्रवार 5 अगस्त को कांग्रेस का देशभर में प्रदर्शन, जिसे नौटंकी से ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता . अनुमति नहीं मिलने के बावजूद युवराज राहुल गांधी ने संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाली और प्रियंका गांधी वाड्रा तो पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ कर बीच सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं।

लेकिन इस बीच कांग्रेस के कुछ वफादार ऐसे भी हैं जो गर्त में जाती पार्टी की चाटुकारिता से कभी बाज नहीं आने वाले . इनमें से एक नाम है राजदीप सरदेसाई का जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर अपनी बेइज्जती कराने में मानो महारत हासिल है. अब आप सोचेंगे राहुल-प्रियंका के प्रदर्शन के बीच राजदीप किधर से पहुंच गए. आपको यकीन नहीं होगा राजदीप सरदेसाई किसी न किसी तरह अपनी बेइज्जती का इंतजाम कर ही लेते हैं .

दरअसल 5 अगस्त को हुए प्रदर्शन में प्रियंका गांधी को कुछ समय के लिए दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया तो राहुल गांधी इमोशनल कार्ड खेलते हुए मीडिया के सामने अपना दुखड़ा रोने पहुंच गए कि उनके साथ अन्याय हो रहा है । बस इसी खबर की तलाश में थे राजदीप सरदेसाई . बिना मौका गवाएं उन्होंने अपनी सेवाभक्ति दिखाते हुए ट्वीट कर कहा कि “क्यों न श्रीमान गांधी और मिस्टर मोदी के बीच एक डिबेट कराई जाए? सारे न्यूज मीडिया पर उसका प्रसारण भी हो?”

साभार-ट्वीटर

लेकिन राजदीप ये भूल बैठे थे कि वो दिन लद गए जब राजदीप अपनी पत्रकारिता की आड़ में खुलेआम अपना एजेंडा चलाते थे. इस अति उत्साही अंग्रेजी पत्रकार को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने करारा जवाब दिया . उन्होंने अपने ट्वीट के जरिये राजदीप सरदेसाई के गालों पर जोरदार तमाचा जड़ा है उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा  “माननीय प्रधानमंत्री और राहुल गांधी के बीच में – थोड़ा सोच समझके बोल लें। हां एक तरफा बकैती हो, तो भाजपा का कोई जिला पार्षद सदस्य भी चलेगा”.

दरअसल समय-समय पर राजदीप सरदेसाई का कांग्रेस प्रेम सामने आता रहता है.  हर बार पीएम मोदी के विरोध में जहरीला एजेंडा चलाने वाले राजदीप सरदेसाई को पहले भी कई बार लताड़ लग चुकी है. लेकिन लगता नहीं है कि राजदीप अपनी हरकतों से इतनी जल्दी बाज़ आएंगे। गांधी परिवार का बचाव करते-करते ये खुद ही अपनी सार्वजनिक बेइज्जती करा लेते हैं !

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.