राजस्थान में गहलोत सरकार के राज में लगता है सीएम अशोक गहलोत तुष्टीकरण की राजनीति करने में अपनी पार्टी को भी पीछे छोड़ देंगे. राजस्थान में एक खास समुदाय को खुश करने और हिंदुओं पर अलग-अलग तरह के प्रतिबंध लगाने में गहलोत सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही. अब जबकि हिंदुओं के बड़े त्योहार शुरू हो रहे हैं तब एक बार फिर सरकार की कट्टरपंथी मानसिकता सबके सामने आ रही है. दरअसल गणेश चतुर्थी आने वाली है और उससे पहले ही गहलोत सरकार का एक तुगलकी फरमान सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह आदेश गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियों का निर्माण करने वालों के लिए जारी किए गए प्रतिबंधों को लेकर है।

भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान की कोटा पुलिस ने गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियों का निर्माण करने वालों के लिए कुछ प्रतिबंधों के साथ दिशा निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि “मूर्तियों की ऊंचाई 3 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए।” वहीं, मूर्तिकारों का कहना है कि मिट्टी की मूर्ति भी 3 फीट से छोटी नहीं बन सकती।

4 अगस्त 2022 गुरुवार को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि “इन आदेशों का पालन नहीं करने वालों की मूर्तियों को पुलिस द्वारा जब्त कर लिया जाएगा।” इस आदेश को लेकर ‘पीओपी यानि प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां’ नहीं बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। लेकिन मूर्तिकारों के सामने बड़ी परेशानी ये है कि उनकी सैकड़ों मूर्तियाँ पहले ही बनाई जा चुकी हैं, जिनकी ऊंचाई सरकारी आदेश से भी ज्यादा है। नोटिस में आगे लिखा गया है, “गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा और अनंत चतुर्दशी के लिए बनाई गई मूर्तियों को चंबल नदी और किशोर सागर तालाब में विसर्जित किया जाता है। इससे पानी प्रदूषित होता है और जलीय जानवरों के लिए भी खतरा होता है। अगर कोई प्लास्टर ऑफ पेरिस से निर्मित मूर्ति बनाते हुए पाया जाता है तो उनकी प्रतिमा जब्त कर ली जाएगी।

सुजीत स्वामी नाम के यूजर ने अपने हैंडल से आदेश की कॉपी को शेयर किया है। जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री कार्यालय, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कोटा और राजस्थान पुलिस के तमाम अधिकारियों को भी टैग किया है।

इन तमाम प्रतिबंधों के बीच सवाल ये कि जिस अशोक गहलोत सरकार ने कभी पशुओं के काटे जाने से हो रहे प्रदूषण पर एक नोटिस जारी नहीं किया। वही अशोक गहलोत सरकार में कांवड़ यात्रा के समय नियमावली सख्त कर दी जाती है, तो कभी रात के अंधेरे में मंदिर को तोड़ दिया जाता है. देखा जाे तो एक बार फिर गहलोत सरकार ने न सिर्फ मूर्तिकारों की मेहनत और उनकी कमाई दोनों को मिट्टी में मिलाने का काम किया है बल्कि हिंदू धर्म की भावनाओं पर एक बार फिर चोट किया है। वैसे कांग्रेस पार्टी और उसके मुख्यमंत्री गहलोत का एक समुदाय विशेष के प्रति प्रेम रह-रह के हिलोरे मारते ही रहता है . कांग्रेस पार्टी से इसके अलावा उम्मीद भी क्या की जा सकती है.

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