देवी का माहात्म्य व उपासना !

भारत में विविध संप्रदाय कार्यरत हैं । इन संप्रदायों के अनुसार संबंधित देवताओं की पूजा उपासना पद्धति प्रचलित है। गाणपत्य, शैव, वैष्णव, सौर्य, दत्त...

नवरात्री व्रत का इतिहास, महत्त्व तथा शास्त्र !

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके । शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते ।।   अर्थ : समस्त  प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगलमयी कल्याण करने...

नारायणबलि, नागबलि एवं त्रिपिंडी श्राद्ध

प्रस्तुत लेख में ‘नारायणबली, नागबलि व त्रिपिंडी श्राद्ध’ के विषय में अध्यात्मशास्त्रीय विवेचन पढें । इसमें मुख्य रुप से इन विधियों के संदर्भ में...

पितृपक्ष और श्राद्ध विधि करने का महत्व !

हिंदू धर्म में बताए गए ईश्वर प्राप्ति के मूलभूत सिद्धांतों में से एक अर्थात ‘देवऋण, ऋषि ऋण, पितृऋण और समाज ऋण यह चार ऋण...

प्राचीन भारत की कृषि एवं ग्रामीण व्यवस्था

भारत एक अत्यंत समृद्ध देश था। यहाँ की कृषि व ग्रामीण व्यवस्था संसार में सर्वश्रेष्ठ थी। हमारी बैलगाड़ी तक भी चाँदी जड़ी होती थी।...