गुरु गोविन्द सिंह जी – संतों के क्षात्रधर्म का उत्तम उदाहरण !

हिन्दू धर्म वीरों की गाथाओं से भरा पड़ा है, जिनकी गाथाएं आज भी समाज को प्रेरित कर रही हैं। ऐसे वीरों में गुरु गोविन्द...

दत्त जयंती – पूर्वजों को मुक्ति देने वाले श्री दत्तात्रेय जी की जयंती

प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन, दत्त जयंती उत्सव मनाई जाती है। आनंद के वातावरण में मनाए जाने वाले इस त्योहार में कुछ जगहों...

सनातन संस्था के सत्संगों मे बताया गया सूर्य षष्ठी (छठ) पूजा का शास्त्र

हमारे देश में सूर्योपासना के लिए प्रसिद्ध पर्व है छठ । मूलत: सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे छठ कहा गया है । यह पर्व...

यमद्वितीया अर्थात भैय्यादूज के आध्यात्मिक लाभ

असामायिक अर्थात अकालमृत्यु न आए, इसलिए यम देवता का पूजन करने के तीन दिनों में से कार्तिक शुक्ल द्वितीया एक है । यह दीपोत्सव...

लक्ष्मी पूजन – प्रसन्नता और आनंद का दिन !

कार्तिक अमावस्या को लक्ष्मी पूजन किया जाता है। सामान्यतः अमावस्या अशुभ मानी जाती है; यह नियम इस अमावस्या पर लागू नहीं होता है । यह...

पवित्रता, मांगल्य और आनंद का त्यौहार – दीपावली

दिवाली यह शब्द दीपावली इस शब्द से बना है। दीपावली शब्द दीप और पंक्ति ऐसा बना है। इसका अर्थ है दीयों की लाइन या...

करवा चौथ का व्रत अखंड सौभाग्य प्रदान करने वाला !

भारतीय संस्कृति का लक्ष्य है कि जीवन का प्रत्येक क्षण व्रत, पर्व और उत्सवों के आनंद एवं उल्हास से परिपूर्ण हो । इनमें हमारी संस्कृति की विचारधारा के...

कोजागरी पूर्णिमा ( शरद पूर्णिमा )

कोजागरी पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा  पृथ्वी के सर्वाधिक निकट रहता है इस रात्रि को लक्ष्मी तथा इंद्र की पूजा की जाती  है ।  मध्य रात्रि लक्ष्मी जी...

विजयादशमी – शस्त्र और उपकरण पूजन का दिवस

आश्विन शुक्ल दशमी, अर्थात् विजयादशमी, हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार और साढे तीन मुहूर्तो में से एक मुहूर्त माना जाने वाला दशहरा (विजयादशमी) ।...

नवरात्रि व्रत में पालन करने योग्य आचार व आरती का महत्व

नवरात्रि व्रत का अधिकाधिक लाभ प्राप्त होने के लिए शास्त्र में बताए आचारों का पालन करना आवश्यक होता है । परंतु देश-काल-परिस्थितिनुसार सभी आचारों...