कालानुसार ‘हिन्दू राष्ट्र’ के लिए योगदान देना, श्रीगुरु के समष्टि रूप की सेवा ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले

देशभर में 154 स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया ‘सुखस्य मूलं धर्मः।’, अर्थात सुख का मूल धर्माचरण में है । यदि...

धर्मनिष्ठ समाज निर्मिति के लिए ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सवों’ में सम्मिलित होइए ! – सनातन संस्था का आवाहन

सनातन संस्था द्वारा देशभर में 154 स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’; 9 भाषाओं में ऑनलाइन महोत्सव ! ‘गुरु-शिष्य परंपरा’ हिन्दू धर्म की अद्वितीय श्रेष्ठ परंपरा...

चातुर्मास का महत्व

पृथ्वी पर रज और तम बढ़ने के कारण इस समय में सात्विकता बढ़ने के लिए चातुर्मास का व्रत करना चाहिए, ऐसा शास्त्रों में कहा...

गुरु की महिमा अंनत

गुरु की महिमा अंनत इस दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसकी तुलना श्री गुरु से की जा सके । गुरु की तुलना यदि सागर से करें तो...

ईश्वर और गुरु

ईश्वर और गुरु एक ही होते हैं । गुरु अर्थात ईश्वर का सगुण रूप और ईश्वर अर्थात गुरु का निर्गुण रूप, जिस प्रकार बैंक की अनेक शाखाएं होते...

गुरू का खरा स्वरूप

शिष्य का विश्वास:‘गुरु विश्वास पर निर्भर है । अपने विश्वास पर ही गुरु की महत्ता आधारित है’, इसमें गुरु शब्द बाह्य गुरु के संदर्भ...

गुरुकृपा प्राप्त होने के लिए महत्वपूर्ण चरण – सत्सेवा

गुरु प्राप्ति और गुरुकृपा होने के लिए क्या करें ?   गुरु प्राप्ति के लिए तीव्र मुमुक्षुत्व या तीव्र लालसा, तडप इन गुणों में से एक के कारण गुरु प्राप्ति...

हिन्दुओं के हडपे गए सर्व मंदिर पुनः प्राप्त करने के लिए केंद्रीय कानून बनाना चाहिए ! – अधिवक्ता सतीश देशपांडे, इतिहास अध्ययनकर्ता

‘ताजमहल नहीं ‘तेजोमहालय’, कुतुबमीनार नहीं ‘विष्णुस्तंभ’ !’ इस विषय पर विशेष संवाद ! कुतुबुद्दीन ऐबक ने कुतुबमीनार बनाई, यह स्पष्ट झूठा प्रचार है, यह अनेक प्रमाणों...

हनुमान जयंती पर विशेष – क्या हनुमान जी आज भी जीवित हैं ? उनके दर्शन हो सकते हैं क्या ?

हनुमानजी सप्तचिरंजीवों में से एक हैं । अर्थात सदैव जीवित रहने वाले । हनुमानजी ने त्रेतायुग में श्रीरामजी की अवतार समाप्ति के उपरांत भी...