धर्म और दर्शन कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्यों मनाई जाती है देव दीपावली? जानिए इस दिन का धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व : हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह तिथि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और आशीर्वाद पाने के...
धर्म और दर्शन गोवत्स द्वादशी का महत्त्व 28 अक्टूबर को गोवत्स अर्थात वसुबारस द्वादशी है । यह दीपावली के आरंभ में आती है । यह गोमाता का सवत्स अर्थात उसके बछड़े...
संस्कृति नवरात्रि में देवी द्वारा धारण किए गए नौ रूप एवं उनकी कार्यानुसार विशिष्टताएं ! युगों युगों से नवरात्रि का व्रत किया जाता है। इन नौ दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है । नवरात्रि...
बिना श्रेणी नवरात्रि : महिषासुरमर्दिनी मां श्री दुर्गादेवी का उत्सव ! सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके | शरण्ये त्रयंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते || नवरात्रि महिषासुर मर्दिनी मां श्री दुर्गादेवी का त्यौहार है । देवी ने महिषासुर...
संस्कृति सर्वपितृ अमावस्या का महत्त्व प्रति वर्ष श्राद्ध विधि करना यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण आचार धर्म है एवं उसका महत्व अनन्य साधारण है। पुराणकाल से चलती आ...
संस्कृति श्राद्ध में भोजन परोसने की पद्धति ! ‘देवकर्म में सर्व विधियां देवता का आवाहन करने के लिए होती हैं, जबकि पितृकर्म में प्रत्येक विधि पितरों का आवाहन करने के लिए की...
संस्कृति पितृपक्ष और श्राद्धकर्म : पितृऋण चुकाने का सहज एवं सरल मार्ग ! हिंदू धर्म में उल्लेखित ईश्वरप्राप्ति के मूलभूत सिद्धांतों में से एक सिद्धान्त ‘देवऋण, ऋषिऋण, पितृऋण और समाजऋण’ इन चार ऋणों को चुकाना है। इनमें...
संस्कृति श्री कृष्ण भक्तों का महापर्व – जन्माष्टमी पुराणों के अनुसार सतयुग, द्वापर, त्रेता और कलयुग इन चार युगों में समयकाल विभाजित है। द्वापर युग में युगपुरूष के रूप में असमान्य शक्तियों...
संस्कृति भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे उत्तम मास – श्रावण मास भगवान शिव के प्रिय मास सावन या श्रावण मास में भगवान शिव और उनके परिवार की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के...
संस्कृति गुरु अर्थात ईश्वर का साकार रूप ! ईश्वर एवं गुरु एक ही हैं। गुरु अर्थात ईश्वर का साकार रूप एवं ईश्वर अर्थात गुरु का निराकार रूप। अधिकोष अर्थात बैंक की अनेक...