श्राद्ध में भोजन परोसने की पद्धति !

‘देवकर्म में सर्व विधियां देवता का आवाहन करने के लिए होती हैं, जबकि पितृकर्म में प्रत्येक विधि पितरों का आवाहन करने के लिए की...

पितृपक्ष और श्राद्धकर्म : पितृऋण चुकाने का सहज एवं सरल मार्ग !

हिंदू धर्म में उल्लेखित ईश्वरप्राप्ति के मूलभूत सिद्धांतों में से एक सिद्धान्त ‘देवऋण, ऋषिऋण, पितृऋण और समाजऋण’ इन चार ऋणों को चुकाना है। इनमें...

श्री कृष्ण भक्तों का महापर्व – जन्माष्टमी

पुराणों के अनुसार सतयुग, द्वापर, त्रेता और कलयुग इन चार युगों में समयकाल विभाजित है। द्वापर युग में युगपुरूष के रूप में असमान्य शक्तियों...

गुरु अर्थात ईश्वर का साकार रूप ! 

ईश्वर एवं गुरु एक ही हैं। गुरु अर्थात ईश्वर का साकार रूप एवं ईश्वर अर्थात गुरु का निराकार रूप। अधिकोष अर्थात बैंक की अनेक...

विश्व को सनातन धर्म की एक अनमोल देन है ‘गुरु-शिष्य परंपरा’!

शिष्य को एवं भक्तों को बाहर निकालने वाले, उनसे आवश्यक साधना करवा कर लेने वाले एवं कठिन समय में उनको अत्यंत निकटता एवं निरपेक्ष...

भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए एक महापर्व है जगन्नाथ यात्रा !

जगन्नाथ यात्रा, भगवान श्री जगन्नाथ के अर्थात् भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए एक महापर्व है ! पुरी का मंदिर कलियुग के चार धामों...

फ्रान्स के सीनेट में सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले जी का ‘भारत गौरव पुरस्कार’ देकर सम्मान !

श्रीसत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाल एवं श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीलजी ने स्वीकार किया पुरस्कार पेरिस (फ्रान्स) – अखिल मानवजाति के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत, साधना से संबंधित दिशादर्शन...

दाभोलकर हत्या प्रकरण में सनातन संस्था का निर्दाेषत्व सिद्ध; साधक निर्दाेष मुक्त !

‘भगवा आतंकवाद’ को प्रचारित करने का षडयंत्र विफल, UAPA न्यायालय द्वारा निरस्त !       पुणे – आज डॉ. दाभोलकर हत्या प्रकरण में...

हनुमान जी की उपासना का उद्देश्य !

17 अप्रैल को श्रीरामनवमी संपन्न हुई । युगों से जिनके दैवी अवतारत्व का चिन्ह जनमानस में अंकित है, वे अयोध्या के राजा प्रभु श्री...