सप्ताह दिनों के नामकरण जैसे – रविवार , सोमवार आदि तथा इन वारों के क्रम आदि का निर्धारण कोई मनगढ़ंत नहीं है , बल्कि भारतीय मनीषा की , विद्वता की अभूतपूर्व देन है, जिसके लिए सम्पूर्ण विश्व भारत का ऋणी है ।

अथर्ववेद के अथर्वज्योतिष में वारों के नाम एवं क्रम का स्पष्ट उल्लेख मिलता है :-

आदित्य: सोमो भौमश्च तथा बुध बृहस्पति: !
भार्गव: शनैश्चरश्चैव एते सप्त दिनाधिपा: !!

रवि, सोम , मंगल , बुध , बृहस्पति, शुक्र और शनिवार – ये सप्ताह के सात वार हैं, जिनका नामकरण संस्कार भारत में हुआ तथा शेष विश्व ने भारत से ही यह ज्ञान प्राप्त किया ।

1. रविवार – Sun day
2. सोम वार – Mon ( Moon ) day
3. मंगल वार – Tues day ( Tiwes day – Tiwes is Nordic God जिनका निवास स्थान मंगल या mars ग्रह पर है )
4. बुधवार – Wednesday ( यह नाम roman mercury god पर आधारित है जो wood ( लकड़ी या काष्ठ ) के स्वामी माने जाते हैं ।
5. बृहस्पति वार – Thursday यह नाम Norse Thor God से लिया गया जो thunder या thor या तूफान और बिजली के स्वामी माने जाते हैं जिनका निवास स्थान Jupiter या बृहस्पति ग्रह है ।
6. शुक्रवार – Friday – ( यह नाम रोमन देवी Frigg से लिया गया जो वीर्य और रज की देवी मानी जाती हैं और जिसका निवास स्थान शुक्र ग्रह या venus planet है । )
7. शनिवार – Saturday – ( यह नाम Saturn planet या शनि ग्रह पर रहने वाले देवता से बना है । SATUR’N’

हमारा शास्त्र विज्ञान कितना उच्च था कि आज सम्पूर्ण विश्व उसको follow कर रहा है और हम अपने शास्त्रों को गाली दे दे कर नहीं थकते और इसे पिछड़ा बताते हैं ।

मेरा अध्ययन जहाँ तक है उसके माध्यम से यह मैं challenge के साथ कह सकता हूँ कि विश्व का प्रत्येक knowledge एकमात्र हमारे धर्मग्रंथों से लिया गया है ।
कोई भी ऐसी physics, chemistry, biology , maths , law , दर्शन की ऐसी theory या सिद्धान्त नहीं है जो हमारे शास्त्रों में वर्णित न हो । बस पढ़ने की , समझने की और उसे सबके सामने लाने की देर है ।

एक बात और बता दूँ कि जितना हमारे देश के भौतिक धन संपदा लुटे गए उससे कहीं ज़्यादा हमारे यहाँ से पुस्तकें नावों में भर भर कर ले जाई गयी हैं ।
सोचिये कितना विराट विज्ञान और ज्ञान था हमारे पास कि नालंदा और तक्षशिला में विश्व के कोने कोने से लोग अध्ययन करने आते थे ।
हमारी पुस्तकें 180 दिनों तक धूं धूं कर जलती रही ।

लेकिन फिर भी आज हमें सबसे पिछड़ा बोला जाता है एकमात्र नेहरू , रोमिला थापर जैसी नालायक शैतानी ताक़तों की वजह से ।

पोस्ट अच्छी लगे तो इसे अवश्य फैलायें और गर्व करें कि हमने विश्व को क्या दिया है ।

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