व्यक्तिगत जीवन में साधना करने से अंतरात्मा में रामराज्य की स्थापना होगी; परंतु सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन में रामराज्य की स्थापना के लिए हमें अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाने के साथ-साथ भ्रष्टाचार, अनैतिकता और अराजकता के विरुद्ध लड़ना होगा। हमारे विचार और व्यवहार हिंदू संस्कृति के अनुकूल होने चाहिए। ‘हैलो’ नहीं, बल्कि नमस्कार या ‘राम-राम’ कहना, यह हमारी संस्कृति है; ‘टीवी’ पर धारावाहिक देखना नहीं, बल्कि ‘कीर्तन-भजन’ देखना, यह हमारी संस्कृति है; कोई अभिनेता नहीं, बल्कि राम-कृष्ण हमारे संस्कृति द्वारा दिए गए आदर्श हैं। हमारे आचरण और व्यवहार में हम संस्कृति की रक्षा करें। धर्म का पालन करें, ऐसा आवाहन हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक, सदगुरु डॉ चारुदत्त पिंगले ने इस समय किया।

मथुरा के श्रीजी बाबा सरस्वती (व्या. प्र.) महाविद्यालय में आयोजित गुरु पूर्णिमा महोत्सव भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। साथ ही देशभर में 71 स्थानों पर ‘गुरु पूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ । आगे मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने कहा रामराज्य आने से पूर्व रावण वध होना विधिलिखित ही था । रावण वध होने के पश्चात ही रामराज्य की स्थापना हुई । अभी भी रामराज्य रूपी हिन्दू राष्ट्र आने से पूर्व आपातकाल आना अटल है वास्तव में उसका प्रारंभ भी हो चुका है । 3-4 वर्ष पूर्व हमने कोरोना महामारी की भयावह स्थिति का अनुभव किया । वैश्विक स्तर पर भी गत 3-4 वर्ष निरंतर युद्धजन्य स्थिति है । रशिया-यूक्रेन, इजरायल-हमास में युद्ध जारी है । ईरान के संदर्भ में भी तनाव की स्थिति है । संक्षेप में, तीसरे विश्वयुद्ध की चिंगारी कब भड़केगी, यह नहीं कह सकते । त्रिकालदर्शी संत तथा भविष्यवक्ताओं ने भी इस आपातकाल के संबंध में कहा है । एक संत ने कहा है कि पंचमहाभूतों का तांडव इस काल में देखने को मिलेगा । हम भी गत कुछ वर्षाें से बिगडे हुए ऋतुचक्र का अनुभव कर रहे हैं । इस आपातकाल से पार होने हेतु साधना का बल ही आवश्यक है ।

महोत्सव की शुरुआत श्री व्यासपूजा और प.पू. भक्तराज महाराज की प्रतिमा पूजा से हुई। देश-विदेश के भक्तों को गुरुपूर्णिमा का लाभ मिल सके इसके लिए हिंदू जनजागृति समिति द्वारा कन्नड़ और बंगाली भाषाओं में ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सव भी संपन्न हुए। इस माध्यम से देश-विदेश के भक्तों ने ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ का लाभ लिया।

श्रीरमेश शिंदेराष्ट्रीय प्रवक्ताहिन्दू जनजागृति समिति

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