पूरे देश में फेक न्यूज़ नैरेटिव से हिन्दू धर्म, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की सरकार के खिलाफ पूरा वामपंथी महकमा एकजुट होकर लड़ाई लड़ता है। अक्सर ये अपने एजेंडे में सही भी साबित हो जाते हैं, मगर इस बार लगता है पानी नाक के ऊपर तक आ गया है। ऑल्ट न्यूज़ के फेक फैक्ट चेकर मोहम्मद अनस जुबेर ने बुजुर्ग की दाढ़ी काटने और जबरदस्ती जय श्रीराम नारा लगाने का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, मगर थोड़ी ही देर में झूठ के बादलों के बीच से सच के सूर्य का उदय हुआ और उनका झूठा एजेंडा पकड़ में आ गया।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने इस बाबत गाजियाबाद पुलिस से इस मामले में कार्यवाही करने को कहा और तब पलटकर गाजियाबाद पुलिस ने उन्हें जवाब दिया कि इस मामले को संज्ञान में लिया गया है और नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। शलभ मणि त्रिपाठी ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘टोना टोटका करने और ताबीज के नाम पर एक गर्भवती महिला की जिंदगी तबाह करने पर पीटा गया, पीटने में आदिल, आरिफ और मुशाहिद भी थे शामिल, लेकिन राम का नाम बदनाम करने और यूपी में दंगा भड़काने के लिए दंगाइयों ने कुछ और ही कहानी गढ डाली। @ghaziabadpolice कृपया संज्ञान लें। https://t.co/kJKYjCAEpX


बता दें कि कथित ‘फैक्ट चेक’ वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने बिना तथ्यों को जानें 14 जून को सोशल मीडिया पर मुस्लिम बुजुर्ग की वीडियो अपलोड की थी। अपने ट्वीट में जुबैर ने लिखा था, “एक बुजुर्ग आदमी, सूफी अब्दुल समद सैफी पर गाजियाबाद के लोनी में 5 गुंडों ने हमला किया। उन्हें बंदूक की नोक पर मारा गया, प्रताड़ित किया गया और जबरदस्ती उनकी दाढ़ी काट दी गई।”

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