अब तक धर्मांतरण गैंग पंजाब, उत्तर प्रदेश और दक्षिण के राज्यों में ही लोगों का धर्म परिवर्तन कर रहा था, लेकिन अब बुद्ध की नगरी गया में भी धर्मांतरण का धंधा जोर शोर से चल रहा है . दरअसल हाल के दिनों में धर्मांतरण के कई मामलों का खुलासा हुआ है जिससे आशंका जताई जा रही है कि इसके पीछे कोई बड़ा रैकेट काम कर रहा है, दैनिक भास्कर के मुताबिक पिछले दो साल में करीब 10 से ज्यादा गांवों में धर्मांतरण हुआ है । सबसे खास बात ये है कि जिन लोगों पर धर्मांतरण कराने के आरोप लग रह रहे हैं वो खुद भी कभी हिंदू थे। दरअसल, कुछ दिनों पहले ही गया शहर के नगर प्रखंड स्थित नैली पंचायत के बेलवादीह गांव में करीब 50 महादलित परिवारों ने ईसाई धर्म अपना लिया .
धर्म परिवर्तन को लेकर अलग-अलग गांवों में अलग-अलग समय में हुए धर्मपरिवर्तन के मामलों के पीछे कई कारण बताए गए हैं। सबसे ज्यादा इसके पीछे अंधविश्वास को कारण बताया जा रहा है , धर्मांतरण कराने वालों में कई स्थानीय होते हैं तो कई बाहर से आए होते हैं। जिसके लिए इन्हें बकायदा सैलरी भी मिलती है, और ये कोई एक दो महीनों का खेल नहीं बल्कि सालों से इसके पीछे लगे गिरोह काम करते हैं .
ये गिरोह धीरे-धीरे गांव में किसी एक परिवार का धर्म-परिवर्तन कराता है। फिर उनकी बेहतर स्थिति के बारे में और दूसरे लोगों को बताता है , जिसके बाद ये लोग बाकियों को भी ईसाई धर्म में आने के लिए लालच देते हैं। गया जिले के एक रिपोर्टर ने बताया कि यहां फादर लोगों को उनके घर से पानी और तेल लाने को कहते हैं , और किसी की तबीयत खराब हुई तो वही पानी पादरी ने पिला कर ‘ठीक कर दिया’, गांव के लोग अंधविश्वास के चक्कर में पड़ कर इसे चमत्कार समझ लेते हैं और इसका फायदा धर्मांतरण गैंग को मिलता है . गांव के लोग फादर को ‘तेल-पानी बाबा’ भी कहते हैं. गांव की एक महिला ने बताया कि उसके बच्चे का जन्म 7 महीने में हो गया था जिस वजह से उसकी तबीयत खराब रहती थी. लेकिन चर्च में पानी छींटने के बाद उसका बच्चा ठीक हो गया जिसके बाद उसने ईसाई धर्म अपना लिया.
यहां के लोगों पर अंधविश्वास इस कदर हावी है कि धान रोपनी के पहले आषाढ़ी पूजा होती है. उस पूजा को मांझी समाज के लोग करते हैं. जब इस साल पूजा नहीं हो रही थी, तो पता चला कि मांझी परिवार के लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है. जिसकी वजह से पूजा नहीं होगी.
आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरे गया जिले में सिर्फ 2 चर्च हैं लेकिन इनका नेक्सस इस तरह से फैला है कि गांव-गांव जाकर ये लोग हिंदूओं को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करवा देते हैं, जाहिर है स्थानीय प्रशासन इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठा है, चाहे वो दलितों के नेता हो या फिर गरीब, गुरबों का बातें करने वाला किसी ने वहां जाकर हिन्दुओं की हालत ना ही देखी ना ही समझी, अब इस मामले में बीजेपी , संघ और VHP घर-वापसी कराने की कोशिश कर रही है ।
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