कल पूरी दुनिया में बकरीद मनाई जाएगी और इस दौरान करोड़ों पशुओं को कुर्बानी के नाम पर काट दिया जाएगा। ऊंट, भैंसा, बकरा जो मिले जब मिले उसे ऊपर वाले को खुश करने के नाम पर काट दिया जाएगा…यतीम जानवर कटते हुए चीखेगा मगर वो दर्द की आवाज़ दिमाग में भरे हुए फितूर के आगे बेअसर साबित होगी। अब हम यहां बात करेंगे तथाकथित पशुओं के अधिकारों पर काम करने वाली और सिलेक्टिव एक्टिवसम करने वाली संस्था PETA की…

जी हां यह वो संस्था है जिसे हिंदुओं के पर्व में ही केवल और केवल पर्यावरण संरक्षण की मुहिम दिखाई देती है। दीपावली आने दीजिये peta इंडिया फौरन पर्यावरण प्रेम की बात करने लग जाएगी, पिछले साल रक्षाबंधन के मौके पर पेटा इंडिया ने गाय की तस्वीर लगाकर लेदर की राखियां को इस्तेमाल न करने का संदेश दिया था तब पूरे देश में PETA का जबरदस्त विरोध हुआ था कि आखिर लेदर की राखियां कौन इस्तेमाल करता है और उसका यह एक्टिविज्म हिंदुओं के हर त्यौहार पर क्यों जागता है।


हम #PETA से कहना चाहेंगे कि कल बकरीद के दिन करोड़ों बकरों को काट दिया जाएगा, करोड़ों भैंसों को कत्ल कर दिया जाएगा तो ऐसे में इन निरीह जानवरों की चीख पुकार की आवाज़ को PETA को अनसुना नहीं करनी चाहिए।

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