जो व्यक्ति मित्र व् शत्रु में भेद न कर सके, कौन प्रशंसा में दूध के साथ आपको विष पिला रहा हो, कौन कटु वचन बोलकर आपको भविष्य में अमृत पिलाना चाह रहा हो | यदि व्यक्ति अपने मन मस्तिष्क से इनमें भेद न कर सके तो वह व्यक्ति मुर्ख की श्रेणी में आता है
*** डॉ पांचाल
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