गणतंत्र दिवस पर मोदी जी का तोहफा :– बच्चों की शिक्षा प्रणाली से हटाया जायेगा मुगल इतिहास…
गजब के साहस का परिचय देते हुए आज गणतंत्र दिवस को उत्सव के रूप में मनाने की शुरुआत हो चुकी है पिछले एक महीने से लगातार मोदी जी की केंद्र सरकार नए नए बदलाव करती नजर आ रही है सबसे पहले 26 दिसंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय केंद्र सरकार द्वारा किया गया उसके बाद में 23 जनवरी से ही गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाने की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा की गई जिसके तहत सुभाष चंद्र बोस के जन्म जयंती से लेकर गणतंत्र दिवस तक राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाने का निर्णय किया गया, जिसकी एक झलक आज माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने डिजिटल प्रतिमा का अनावरण किया.
अब लग रहा है कि देश एक बड़े बदलाव की ओर है जिसके तहत हिंदू और हिंदुत्व के साथ साथ मुगलों के अत्याचारों को अब साफ साफ दर्शाया जाएगा, सबसे बड़ा कदम ये रहा कि यूजीसी ने शिक्षा प्रणाली में मुगल काल के इतिहास को पुस्तकों से हटाने का निर्णय लिया गया जिसके तहत बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के मुख्य प्रोफेसरों ने स्वागत के लहजे से इस निर्णय को बड़ा ही एतिहासिक बताया है ।
ज्ञात रहे कि पिछले कई वर्षों से यूपी के मुख्यमंत्री लगातार शहरों को अपने पुराने पुरातत्व नामों से बदल रहे है जिसमे लोगो को आस्था और धर्म के प्रति समर्पित भाव जुड़ा हुआ है ये काफी निर्णायक मोड़ है हिंदुस्तान के अस्तित्व को वापिस लौटाने का, वाकई में इसके सहायक रहे सभी घटकों को खूब खूब साधुवाद जिसके तहत ये बदलाव देखने को मिल रहे है
मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला और लिए जिसके तहत 1920 से लेकर सभी मुख्य आयोजनों में अंग्रेजी गाने को गौरव के रूप में गाए जाने को अब “ए मेरे वतन के लोगो” के रूप में तब्दील कर दिया गया है अब इस गाने के माध्यम से 1971 के विजय गौरव को याद किया जाएगा, लगातार योगी सरकार के साहसिक कदमों को पूरे देश की जनता तारीफ कर रही है हिंदुस्तान को लूटने वाले लुटेरों जिन्होंने मंदिरों को तोड़ा, मंदिरों को लुटा, जिन्होंने धर्म को ठेस पहुंचाई इन सबको अब सबके सामने रखा जा रहा है और मुगल काल की धूर्तता की सच्चाई सबके सामने रखी जा रही है ये बड़ा बदलवा है हिंदुत्व के लिए.
दिल्ली में कई सड़कों के नाम बदल दिए गए है और बड़े पैमाने पर बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे ये अब जनता को देखने को मिलेगा, बीएचयू व अन्य विश्वविद्यालय अब पूरे जोश के साथ हिंदुस्तान को अपने संस्कारों से परिचित करवाने के लिए कार्यरत है ।
भावी पीढ़ी के भविष्य के लिए मोदी सरकार का ये बड़ा फैसला है जिसके लिए आने वाली पीढ़ी याद करेगी, भविष्य को संजोने के लिए ये मोदी सरकार का बड़ा कदम है ।
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