तो आखिर कोरोना वैक्सीन भी हराम घोषित हो ही गई | वैसे इतने दिनों तक वो अपने हरामपन वाली कैटेगरी तक कैसे नहीं पहुँच पाई ये जरूर हैरानी की बात है | यूँ देखा जाए तो समय ही कहाँ मिल पा रहा था इस वैक्सीन के खिलाफ फतवा जारी करने का , दिल्ली ,बंगलौर से लेकर स्वीडन तक भौत घनघोर तकरीर चल रही थी | तो अब जाकर पहली ही फुर्सत में ये घोषित किया जाता है कि , ये वैक्सीन ,सरासर हराम है |
वैसे मामले में थोड़ी सी पावर और लगा कर इस ससुरे कोरोना को ही हराम घोषित करके एक तरफ धर देना चाहिए था उसका सर कलम करके | कमाल है कि ,फतवा बम से पूरी दुनिया में अपनी जजड़बुद्धि के प्रदर्शन का नंगा नाच करने वाले , आज अपने दोस्त चीन के ईजाद किये हुए इस रोग को नहीं , चीन को भी नहीं ,बल्कि इस सदी की सबसे ज्यादा प्राण घातक बीमारी से बचने की दवाई को हराम घोषित किए दे रहे हैं |
याद हो कि भारत में , कोरोना के प्रसार के प्रारम्भिक समय में , राजधानी दिल्ली में ऐसी ही उल जलूल दलील और तर्क देकर सैकड़ों को इस महामारी की चपेट में ला देने वाला ऐसा मरकज़ का मौलाना साद ने भी अपराध किया था और उसके बाद से आज तक अपने बिल में छिपा बैठा है | इन कूढ़ मागज़ों को ,कोई समझाए की ,ज़िन्दगी में सिर्फ सिर्फ आतंकी बने रहना और सिर्फ यही करते रहना ज़िन्दगी नहीं है ,कभी नहीं |
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