इस देश में चुपचाप , एक ढके छुपे खोल को ओढ़ कर पत्रकारिता के नाम एजेंडे को बनाने और बढ़ाने का खेल वो भी टीआरपी का मुलम्मा चढ़ा कर कैसे खेला जाता है ये देश के सबसे तेज़ से भी ज्यादा तेज़ वाले समाचार समूह आजतक से सीखा जाना चाहिए |
नहीं नहीं ,जी रिया चक्रवर्ती को बुलाकर टीवी पर उसके मुंह से सुशांत सिंह राजपूत को ही अपराधी घोषित करने की कोशिश या फिर पाकिस्तानी सांसद को टीवी चैनल पर बुलाकर उससे बातचीत करने वाली बातें तो पीछे गईं | आजतक समाचार चैनल का ये प्रोपेगेंडा उनके वेबसाईट पर प्रकाशित समाचारों में और भी स्पष्ट दिखता है :-
ये इत्तेफाक नहीं है , न ही ये ऐसी अकेली खबर है ; और भी देखिये :-
देखिए ,जिहाद का एक और नया रूप
शीर्षक : बाबा (मौलवी , मौलाना, मुगल नहीं )
अपराधी : आलम वल्द शाहिद
अब असली बात : इस रिपोर्ट को लिखने वाले पट्टलकार मुगल : सैयद रेहान मुस्तफा बस समझ गए न बाकी ।
और इसी तरह से जानबूझ कर षड्यंत्र किया जा रहा , सनातनियों के देश में , सनातनियों के साथ । आँखें खोलिए , और जरूर बोलिए इनके खिलाफ ।
अब आप खुद दिल पर हाथ रख कर बताइये कि , बार बार निडर और निर्भीक होकर , समाज , कानून के हर आरोपी ,हर अपराधी से सीधे सीधे उनके गिरेबां में झाँक कर सवाल उठा कर , देश ,सनातन ,हिन्दुओं ,साधुओं ,मंदिरों के लिए लड़ कर जेल जाने से कितना बेहतर है , चुपचाप पैसे लेकर एजेंडे वाली घनघोर पत्रकारिता करना ? है न ?
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