नई दिल्ली। एक तरफ जहां किसान आंदोलन के बहाने विपक्षी दल लगातार राजनीति करने में जुटा हुआ है। इतना ही नहीं विपक्ष नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों को बहकाने की कोशिश कर रहा है। तो वहीं इनके सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इन कानूनों के बारे में जागरूकता फैलाने का काम खुद अपने हाथों में लिया है। इसी कड़ी में आज प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर कृषि कानून के फायदे गिनाए। आपको बता दें कि नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन का आज 17वां दिन है।

किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी ने इन सुधारों को बहुत जरूरी बताया है। उन्होंने कहा है कि एग्रीकल्चर और इससे जुड़े सेक्टर में खड़ीं दीवारों और अड़चनों को खत्म किया जा रहा है। जिससे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश आने से सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होगा।
पीएम मोदी ने शनिवार को फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की 93वीं वार्षिक आम बैठक में कहा, एग्रीकल्चर सेक्टर और उससे जुड़े अन्य सेक्टर जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, फूड प्रोसेसिंग हो, स्टोरेज हो, कोल्ड चैन हो इनके बीच हमने दीवारें देखी हैं। अब सभी दीवारें हटाई जा रही हैं, सभी अड़चनें हटाई जा रही हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि एग्रीकल्चर सेक्टर और उससे जुड़े अन्य सेक्टर जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, फ़ूड प्रोसेसिंग हो, स्टोरेज हो, कोल्ड चैन हो इनके बीच हमने दीवारें देखी हैं। अब है सभी दीवारें हटाई जा रही हैं, सभी अड़चनें हटाई जा रही हैं। इन रिफॉर्म्स के बाद किसानों को नए बाजार मिलेंगे,नए विकल्प मिलेंगे, टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, देश का कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा। इन सबसे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा। इन सबका सबसे ज्यादा फायदा मेरे देश के किसान को होने वाला है।

पीएम मोदी ने कहा, अलग-अलग सेक्टर में दीवारें नहीं ब्रिज (पुल) चाहिए। ताकि वे एक दूसरे का सपोर्ट कर सकें। बीते वर्षों में इन दीवारों को तोड़ने के लिए प्रयास किए गए हैं। देश के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए बीते वर्षों में तेजी से काम किए गए है। उससे भारत का एग्रीकल्चर सेक्टर पहले से कहीं अधिक वाइब्रेंट हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत के किसानों के पास अपनी फसल मंडियों के साथ ही बाहर भी बेचने का विकल्प है। आज भारत मे मंडियों का आधुनिकीकरण तो हो ही रहा है, किसानों को डिजिटल प्लेटफार्म पर फसल बेचने और खरीदने का भी विकल्प दिया है। इन सारे प्रयासों का लक्ष्य यही है कि किसानों की आय बढ़े, देश का किसान समृद्ध हो। जब देश का किसान समृद्ध होगा तो देश भी समृद्ध होगा।

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