अमेरिकी दम्पत्ति ने स्वेच्छा से अपनाया हिंदू धर्म – इसाईकरण करने वालों के मुंह पर तमाचा…!!
अपने देश में पश्चिमी देशों से हाई ईसाई मिशनरियों भाई लोग लालच आदि से लोगों को ईसाई बना रही है इसके विपरीत पश्चिम के लोग हिंदू धर्म से प्रभावित होकर खुद की इच्छा से हिंदू धर्म अपना रहे हैं स्वेच्छा से मत परिवर्तन करने का एक ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला राजस्थान में यहां के प्रसिद्ध तीर्थ नाथद्वारा में अमेरिकी दंपति स्टीफन और उसकी पत्नी एलेग्जेंडर आज से दो दशक पूर्व में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं उनकी उदारता चरित्रावली से बहुत प्रभावित हुए तब का आपाधापी भरा जीवन छोड़कर मन की शांति और अध्यात्मिक प्यास की तृप्ति के लिए भारत आ गए
उन्होंने श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थलों जैसे गोकुल, मथुरा, वृंदावन आदि की यात्रा की इसके बाद तो यह कृष्ण भक्ति में ऐसे रमे कि उन्होंने वैष्णव बनना स्वीकार कर लिया उन्होंने वैष्णो मत की दीक्षा कोटा के भगवान मथुराधीश मंदिर के गोस्वामी स्वर्गीय रणछोड़राय प्रथमेश जी से दीक्षा ग्रहण की उन्होंने अपने नाम बदलकर श्याम तथा तुलसी रखी है अभी वह नाथद्वारा में रहकर हवेली संगीत सीख रहे हैं उनका कहना है कि कीर्तन गाना प्रभु की पूजा की सर्वोत्तम विधि है और इसी से उनकी कृपा शीघ्र मिल जाती है इस दंपत्ति ने श्रीनाथजी का “प्राकट्य उत्सव” तथा “चौरासी वैष्णव की वार्ता” जैसे वैष्णव ग्रंथों का भी अंग्रेजी में अनुवाद किया है
ऐसे वाक़िए तमाम इस्लामीकरण करने वाली संस्थाओं और उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जो चावल देकर धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं धर्म परिवर्तन के नाम पर हिंदुओं को तोड़ने का जो षड्यंत्र कुछ संस्थाएं कर रही है गरीब लोगों को बरगला कर धर्म परिवर्तन कराने का जो कार्य कर रही है उन लोगों को यह मुंह तोड़ जवाब है तथा में ऐसे तमाम लोग जो क्रिसमस के दिन 25 दिसंबर के दिन हिंदू होकर भी मोमबत्तियां जलाने चर्च की तरफ जाते हैं मैं उनसे कह देना चाहता हूं कि पूरे विश्व में सनातन धर्म से बढ़कर कुछ भी बड़ा नहीं है सनातन धर्म ने पूरे विश्व को मार्गदर्शन करने का कार्य किया है सनातन धर्म के जो पंख हैं वह एक मानव को मानव योनि में सुख शांति से जीने के बाद मोक्ष की प्राप्ति के द्वार से रूबरू करवाता है इसलिए सनातन धर्म की ना तो किसी धर्म से तुलना की जा सकती है और धर्म छोड़ने की तो बात ही नहीं है हिंदुस्तान के अंदर सुदूर हिंदुस्तान के नक्शे में किनारे पर बसे केरल में जिस प्रकार का सही कारण हुआ है 96% हिंदुओं को धर्म परिवर्तित करवाकर ईसाई बना दिया गया इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा
आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसी संस्थाओं ने वास्तविक स्तर पर इस तरह का जो इस आई करण हो रहा है उसको रोकने में बहुत बड़ी भूमिका अदा की है और एक हिंदू सनातनी होने के नाते मैं इन तमाम संस्थाओं का बहुत धन्यवाद अर्पित करता हूं जिनके हृदय में राष्ट्र की अखंडता के बारे में आस्था है ऐसे सभी व्यक्तियों और संस्थाओं से हम सभी आव्हान करते हैं कि ईसाइयों के मकान करण की भ्रामक अनैतिक और खतरनाक उदाहरण के तौर पर आसाम में पूज्य शंकरदेव के नाम गोश्त के स्थान पर यह सुगाता छाप कर विकृत करना ऐसी रणनीतियों को बेनकाब करें फिर चाहे किसी भी आकर्षक परिवेश में वह सामने आए राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए अनिवार्य हो गया है कि हम लोगों को उनकी परंपरागत राष्ट्रीय आस्थाओं तथा संस्कृति से काटने की कटिंग कोशिशों का विरोध करें सभी से आग्रह है कि वे देश के कोने-कोने तक पहुंचे और जिन कुछ विदेशी ताकतों द्वारा राष्ट्र विरोधी सामूहिक मरण के लिए विपुल मात्रा में धन की सहायता की जा रही है उनके साम्राज्यवादी मंसूबों के संबंध में लोगों को जागृत करें ज्ञातव्य रहे कि हमारे लोगों को डरा फुसलाकर धर्मप्रीत करने की कार्यवाही की जड़ में चर्च और उनकी एजेंसियों को बिना किसी रोक-टोक के विदेशों से प्राप्त हो रही वह विपुल मात्रा में आर्थिक सहायता की धनराशि है जिसकी पुष्टि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने भी की है अतः सरकार का कर्तव्य बनता है कि वह ढंग से रास्ते को रोक के विदेशी पश्चिमी देशों द्वारा भारतीयों के कल्याण के नाम पर जारी गहरी रुचि के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है भारत के सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने वाले प्रयासों में विदेशी तत्वों की भूमिका कम आपत्ति पूर्ण नहीं है सभी लोग इस आग्रह को समझ ले कि जन जागरण अभियान शांतिपूर्ण और प्रजातांत्रिक तरीकों से हो इसके बारे में भी सचेत रहें कि कोई विवेक सुनने तत्व जो हिंदू समाज की छवि को मिलेंगे इसमें में घुस पाए हम ध्यान में रखें अपने इसाई बंधुओं के प्रति हमारी कोई दुर्भावना नहीं है किरण के थोक व्यापार में लगे व्यापारियों के खिलाफ हैं हम प्रतिज्ञा करें कि इस संकट का डटकर मुकाबला करेंगे
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