दुनिया में जब चीनी महामारी ने कहर बरपाना शुरू किया था तो भारत के लिए विश्व के बहुत से देशों ने भविष्यवाणी कर दी थी कि भारत में दस करोड़ लोगों की मौत हो जाएगी . इतना ही नहीं इस बीमारी से लड़ने में लगे श्रम , धन और संसाधन के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा कर ध्वस्त हो जाएगी , लेकिन उस वक्त दुनिया को शायद ही अंदाज़ा था कि ये नया भारत है , बदला हुआ भारत .

सिर्फ एक साल बीतते बीतते सारी स्थितियाँ और हालात इसके ठीक उलट हो जाए . आज भारत न सिर्फ पीपीई किट , मास्क , वेंटिलेटर सहित तमाम चिकित्सा उपकरणों /साधनों का सअबसे बड़ा निर्माता , उत्पादक निर्यातक बन चुका है बल्कि विश्व के 90 देशों को कोरोना की वैक्सीन तक भेज रहा है . ये नए भारत का आत्मशिसवास , जीवटता और आपदा को अवसर में बदलने की ललक ही है जिसने आज भारत को दुनिया के न सिर्फ सबसे प्रभावशाली बल्कि सबसे मददगार देश के रूप में स्थापित कर दिया है .

इन आपदाओं के बीच हमेशा मौके की ताक में रहने वाले दोनों पडोसी शत्रु देश पाकिस्तान और चीन ने भी भारत को अस्थिर करने के लिए कई षड्यंत्र और दु: साहस करने की चेष्टा की मगर भारत हर मोर्चे पर न सिर्फ लड़ा बल्कि इतिहास में पहली बार शत्रुओं की गर्दन और घमंड दोनों तोड़ कर उन्हें झुकने पर विवश कर दिया .

इस नए बदले हुए भारत ने हर बाहरी झंझावात , आपदा को पूरी दृढ़ता से उसका सामना करते हुए उनसे ऊबर कर एक महाशक्ति की तरह पूरी दुनिया के सामने अपने आपको बार बार सिद्ध किया .

मगर जग को जीतने वाले
अपनों की साजिश से हारे

यह विडंबना ही है कि जब पूरी दुनिया , भारत , भारत सरकार , प्रधानमंत्री मोदी भारतीय चिकित्सा विज्ञानियों के प्रति कृतज्ञता ज़ाहिर करने में लगी है . महामारी के महाविनाश से बचाने और ऐसे समय में उन देशों का साथ देने के लिए एहसानमंद होते नहीं थक रही . भारत में रहने वाले कुछ लोग , कुछ राजनैतिक पार्टियां , वामपंथी और चरमपंथी कट्टर सोच रखने वाले आस्तीन के सआप की तरह अपने और अपनों के बीच जहर बो रहे हैं . प्रदर्शन , हड़ताल , बंदी के नाम पर देश में हिंसा लूटपाट सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करके जाने कौन सा उद्देश्य हासिल करने में लगे हैं .

अब बहुत जरूरी हो गया है कि देश को हराने का मंसूबा पालने वाले और अंदर से कमज़ोर करने वाले लोगों पर अब पूरी सख्ती के साथ उन्हें सामाजिक कानून और राष्ट्रवाद के सबक पढ़ाया जाना चाहिए .

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.