हवस और वहशीपन के कारनामों में इन दिनों मुगलों ने देश और दुनिया में जलालत के नए झंडे गाड़ दिए हैं . 67 वर्ष का अहमद अभी हाल ही में गिरफ्तार हुआ है -करतूत तो अब जग जाहिर है ही न पता हो तो जाकर उस अहमद के इलाके के कुत्तों से पूछिए वे बेजुबान भी भला कैसे बता पाएंगे कि इंसान की शक्ल का लगने वाला एक हैवान उनके साथ वो करता रहा जो एक पशु भी नहीं करता .

आज एक और मुगल गिरफ्तार हुआ है नाम है रोमिन अब्बासी – तो ये अब्बासी आउर इसका दूसरा साथी अक्कास अली , आसपास के घरों की युवतियों /महिलाओं के अंतः वस्त्र को चुराकर भाग जाता है . और जैसा कि उसने खुद ही बताया की वो ये काम अपनी यौन तुष्टि के लिए करता था .

ज़ाहिर है जिन मुगलों को , पूरी दुनिया में जेहाद करके पूरी कायनात को बर्बाद करने , आग लगा कर फूंक देने की कट्टर धार्मिक शिक्षा सिर्फ इसलिए दी जाती है कि मरने के बाद उन्हें उस जन्नत में एक दो नहीं पूरी 72 हूरें उन्हें अपनी उस हवस को पूरा करने के लिए मिलेंगी जो धरती पर उन्हें मादाओं का (फिर चाहे हो इंसानी मादा हो या श्वान मादा -सब ज़ायज़ है ) .

अब सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये कि , पिछले दो दिनों में , अदालत में मुकदमा दायर करके कुरान की कुछ आयतों को हटाए जाने की माँग करने वाले वसीम रिज़वी को इस गुनाह-ए-अजीम के लिए भारत से लेकर तुर्की पाकिस्तान तक खंजर तलवार लिए लोग तैयार बैठे हैं वसीम रिजवी को कत्ल कर देने के लिए . और यदि आप सोच रहे हैं कि ऐसी कट्टरता सिर्फ जाहिलों के अंदर ही है तो ये आपको भूल है .

यही मुगल समाज की सबसे बड़ी विडंबना है कि , तसलीमा नसरीन , तारिक फतेह और वसीम रिज़वी जैसों को मारने काटने के लिए तुरंत ही उद्धत हो जाने वाला ये समाज आखिर , बुरहान वानी, हाफ़िज़ सईद ,उमर खालिद , और इस अहमद , अब्बासी ,और रेहान जैसे के खिलाफ कभी भी एक शब्द कहने को तैयार नहीं है .

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