पूरे देश में इस समय बेहद ही खतरनाक ट्रेंड चल पड़ा है। इस्लामिस्ट चुन-चुनकर हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। इसके अलावा देश के स्कूलों, कॉलेजों में धार्मिक कट्टरवाद का जहर घोलने की कोशिश की जा रही है। कभी कर्नाटक तो कभी तमिलनाडु हर जगह शिक्षा-तंत्र इस्लामीकरण की तरफ बढ़ता जा रहा है. कुछ यही हाल झारखंड में हो रहा है. हेमंत सोरेन के शासन में राज्य में इस्लामिस्टों का हाहाकार चरम पर है. जहां अब स्कूलों में सालों से चली आ रही प्राथाओं को भी सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश हो रही है.

झारखंड के गढ़वा में पहले बच्चों के हाथ जोड़कर प्रार्थना करने पर पाबंदी फिर जामताड़ा में सरकारी स्कूलों के बोर्ड पर उर्दू लिख कर वहां रविवार की जगह शुक्रवार को जुमे की नमाज के दिन बच्चों को छुट्टी देने का मामला . वहीं गिरिडीह जिले में स्कूल के ब्लैक बोर्ड पर एक छात्र ने जय श्रीराम लिख दिया तो टीचर ने बच्चे की पिटाई कर दी. मामला सदर प्रखंड के पालमो पंचायत का है . छात्र की पिटाई का आरोप स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यपक मो. अबुल कलाम पर लगा है. प्रभात खबर में छपी खबर के मुताबिक बच्चे ने आठ जुलाई को क्लास की ब्लैक बोर्ड पर जय श्रीराम लिखा था लेकिन पिटाई 9 जुलाई को की गई. जिसके बाद अभिभावकों ने बैठक की जिसमें बच्चों के माता-पिता ने टीचर अबुल कलाम पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे बच्चों से शौचालय साफ कराया जाता है, वे हमारे बच्चों से शौचालय के पानी ढुलवाते हैं.

साभार-प्रभात खबर

प्रभात खबर के मुताबिक आठ जुलाई को चौथी क्लास में पढ़ने वाले बच्चे ने जय श्रीराम लिखा था. इस पूरे मामले में शिक्षक मो अबुल कलाम का कहना है कि छात्र की पिटाई का आरोप बेबुनियाद है . ब्लैकबोर्ड पर जय श्रीराम नहीं बल्कि अश्लील बाते लिखी थी. वहीं अभिभावकों के हंगामे के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने मामले की जांच के लिए टीम बनाने की बात कही है जो स्कूल जाकर जांच करेगी साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

ये हिन्दुओं के लिए विडंबना है कि अब ‘जय श्री राम’ बोलना भी कुछ लोगों की नजर में अपराध हो गया है। दरअसल हाल के दिनों में झारखंड में इस्लामिस्टों ने आतंक मचा रखा है. इसमें स्कूलों और बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है.लेकिन इसकी ज़िम्मेदारी और जवाबदेही सूबे के CM हेमंत सोरेन की बनती है कि वो इस तरह की गतिविधियों पर कार्रवाई करें.

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