सपने

सपने तो बस, यूँ हीसपने होते हैंमेरे, तुम्हारेहम सब के सपनेसपने कभी मरते नहीं खुली आँखों के सपनेखुमारी और नींद के सपनेखिड़की से चाँद...

असमंजस

बड़ी असमंजस में हूँ आजकि आख़िर सुनूँ तो किसकी सुनूँएक तरफ़ अम्बर के वृहद् विस्तार मेंपेड़ों के पार्श्व में अँटकाकृष्णपक्षी प्रतिपदा का चाँद हैदूसरी...

पत्थर

~ अवतंस कुमार लोग कहते हैं पत्थरों पर निशान बनाना मुश्किल हैपर मैंने पत्थरों पर लकीरें खिंची देखी हैंप्रकृति की कलाकारी भी देखी है...