30 जनवरी 2021 को पुणे में गणेश क्रीड़ा स्तिथ इलगर परिषद आयोजित हुआ था। इसमें तमाम अर्बन नक्सल गैंग शामिल थे जैसे शरजील इमाम , आयशा रेना जैसे लोग के खिलाफ भड़काऊ भाषण पुलिस ने दर्ज करवाए थे । दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में जो दंगे हुए थे उसमे शरजील और आयशा का अहम भूमिका था।
आइए जानते है इसके पीछे का एजेंडा। ऊपर पोस्टर में ये साफ लिखा हुआ है “सभी राजनैतिक कैदी जो बंद है उनको रिहा किया जाए ! क्यूं? दलितों के लड़ाई से इसका क्या संबंध? क्या जो दंगे दिल्ली ने देखा उसका दलित जो आज़ादी में लड़े थे उससे कोई लेना देना है ?
दूसरी दी गई तस्वीर एक फेसबुक पेज से लिया गया जो कि पुणे पुलिस की अनुमति के बाद पोस्ट किया गया था जहां प्राइवेटाइजेशन, नागरिकता संशोधन , ब्राह्मण के विरुद्ध चलाए जाने वाला एजेंडा था। क्या इन सब का दलितों के बलिदान से लेना देना था ? ये सब एक सोचने वाली बात है कि ये साफ साफ पॉलिटिकल एजेंडा है नरेंद्र मोदीजी के खिलाफ , हिन्दुओं के खिलाफ जिसकी अनुमति नहीं मिलनी चाहिए थी।
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