गुजरात में भी अब लव-जिहाद को लेकर सख्त कानून बन गया है. इसमें जबरन कन्वर्जन और निकाह करने पर अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने संशोधन विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है. बता दें आपको गुजरात में भी बढ़ते कन्वर्जन और फिर जबरन निकाह करने के मामलों को देखते हुए गुजरात सरकार ने फरवरी में इस कानून को लाने की बात कही थी।
संशोधित धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक के मुताबिक, शादी के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन कराना, या शादी कराकर धर्म बदलवाना, या इस तरह के मामले में मदद करने पर तीन से पांच साल की जेल हो सकती है वहीं 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. अगर पीड़ित नाबालिग, महिला, दलित या आदिवासी है, तो इसके लिए आरोपी को चार से सात साल की जेल और कम से कम 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
अगर कोई संगठन कानून तोड़ता है तो इंचार्ज को कम से कम तीन साल जेल और अधिकतम दस साल जेल की सजा हो सकती है. बता दें कि इस साल 14 फरवरी को वडोदरा में एक चुनावी रैली के दौरान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा था कि उनकी सरकार राज्य में ‘‘लव जिहाद’’ के खिलाफ सख्त कानून लाएगी. उन्होंने कहा था, ‘‘हम विधानसभा में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ एक कानून लाने जा रहे हैं. ‘लव जिहाद’ के नाम पर की जा रही इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बता दें आपको गुजरात से पहले मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ने भी लव-जिहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाया गया है.
दरअसल इन दिनों लव जिहाद देश के लिए बड़ी गंभीर समस्या बनी हुई है जिसका फायदा आपराधिक किस्म के लोग उठा रहे हैं। धोखा देकर लड़कियों को अपने प्रेम के जाल में फंसाना और फिर शादी कर लड़की का धर्मांतरण करवाया जाता है . उम्मीद है कि इस कानून के बनने से अपराधियों में डर पैदा होगा और वे जबरन निकाह के माध्यम से किसी लड़की या महिला का कन्वर्जन नहीं करा पाएंगे.
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सही समय पर सही निर्णय किंतु कानूनों को अमली जामा पहनाया जाना और उन्हें लागू करना ज्यादा बड़ी चुनौती है , सामयिक पोस्ट
Good step