एक जमाना था जब कांग्रेस पार्टी इस देश पर लगभग एकछत्र राज कर रही थी. केंद्र के साथ साथ अधिकांश राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सरकारें हुआ करती थीं. लेकिन यह सब अब एक दुखद इतिहास बन चुका है. कांग्रेस अपने पुराने दिनों में अब कभी लौट पाएगी इस बात की सम्भावना अब बिलकुल शून्य हो चुकी है. कांग्रेस की इस दुर्दशा के लिए भाजपा या किसी और राजनीतिक पार्टी को श्रेय नहीं दिया जा सकता है क्योंकि अपनी इस बदहाली के लिए कांग्रेस पार्टी ही मुख्य रूप से जिम्मेदार नज़र आ रही है. २०१४ में कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार में लिप्त होने की वजह से सत्ता से बाहर हुई थी. २०१४ से २०१९ तक कांग्रेस ने अपनी छवि को सुधारने के लिए कोई काम न करके, अपनी सारी ताकत भाजपा और मोदी के खिलाफ फेक न्यूज़ फैलाकर दुष्प्रचार करने में लगा दी. मैनेजमेंट में एक नियम है कि अगर आपको किसी के साथ प्रतिस्पर्धा में आगे निकलना है तो अपने प्रतिद्वंदी की लकीर को छोटा करने की बजाये अपनी लकीर को बड़ा करने का प्रयास करना चाहिए लेकिन कांग्रेस पार्टी पिछले ६ सालों से एकदम इसके उलट काम कर रही है और नतीजा देश की जनता के सामने है. फेक न्यूज़ के आधार पर कांग्रेस इकोसिस्टम द्वारा किये गए दुष्प्रचार को जनता ने २०१९ के चुनावों में भी बुरी तरह नकार दिया और कांग्रेस लगातार दो चुनावों में भी हारने के बाद कुछ नया और रचनात्मक करने की बजाये भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ फेक न्यूज़ के जरिये दुष्प्रचार करने में लगी हुई है.
कांग्रेस का इकोसिस्टम किस तरह से फेक न्यूज़ फैलाकर दुष्प्रचार को अंजाम देता है, उसे मैं एक उदाहरण के जरिये स्पष्ट करूंगा. कोरोना की महामारी के चलते पी एम मोदी ने पी एम केयर फण्ड नाम का एक ट्रस्ट बनाया जिसमे लोग अपनी इच्छा से दान दे सकें और उसका उपयोग इस महामारी से लड़ने में किया जा सके. यह एक सरकारी ट्रस्ट है जिसमे जिस किसी भी पार्टी की सरकार होगी उसके पी एम और गृह मंत्री वगैरा उसके सदस्य होंगे. देश में एक सरकारी ट्रस्ट पी एम नेशनल रिलीफ फण्ड पहले से ही मौजूद था लेकिन उस ट्रस्ट के पैसों का उपयोग कोरोना महामारी के लिए करने का प्रावधान नहीं था. कांग्रेस पार्टी ने पहले इस बात पर दुष्प्रचार फैलाया कि पी एम नेशनल रिलीफ फण्ड होते हुए एक दूसरा ट्रस्ट क्यों बनाया जा रहा है. लेकिन इस झूठ को फैलाते वक्त कांग्रेस अपनी पीड़ा को बताना भूल गयी . कांग्रेस की पीड़ा यह थी कि उसने एक साज़िश के तहत पी एम नेशनल रिलीफ फण्ड में कांग्रेस अध्यक्ष को गवर्निंग बॉडी का मेंबर स्थाई रूप से बनाने का प्रावधान अपने शासनकाल में कर दिया था. मतलब देश में किसी भी पार्टी की सरकार हो, पी एम नेशनल रिलीफ फण्ड की गवर्निंग बॉडी का मेंबर कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष होगा. इस ट्रस्ट का दुरूपयोग करके उसका पैसा किस तरह से राजीव गाँधी फाउंडेशन में ट्रांसफर कर दिया गया था, वह बात भी अब किसी से छिपी हुई नहीं है. खैर सोशल मीडिया पर बढ़ती जागरूकता के चलते कांग्रेस पार्टी का यह झूठ ज्यादा दिन नहीं चला लेकिन कांग्रेस भी कहाँ हार मानने वाली थी. अब उसने इस ट्रस्ट में बारे में एक नया झूठ फैलाना शुरू कर दिया कि पी एम केयर फण्ड का ऑडिट नहीं किया जाएगा. कांग्रेसी इकोसिस्टम ने इस झूठ को इतनी बेशर्मी के साथ फैलाना शुरू किया कि उन्होंने यहां तक लिखना शुरू कर दिया कि पी एम केयर फण्ड में दिए गए दान के पैसों का इस्तेमाल विधायकों की खरीद फरोख्त में किया जा रहा है. देश की जनता को क्या कांग्रेस इतना बेबकूफ समझती है कि वह कांग्रेस की फेक न्यूज़ फैक्टरी से निकले इस सफ़ेद झूठ को पकड़ न पाए. यह सभी को मालूम है कि पी एम नेशनल रिलीफ फण्ड की तरह पी एम केयर फण्ड भी एक सरकारी ट्रस्ट है और इसका कम्पलसरी ऑडिट इनकम टैक्स एक्ट की धारा १२ के अंतर्गत किया जाता है. क्या कांग्रेस को अपने ही बनाये गए देश के कानूनों की जानकारी नहीं है या फिर वह जानबूझकर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए यह झूठ फैला रही है. इसी तरह की बेबकूफी भरी दलीलें लेकर कांग्रेस ने अपना आखिरी हथियार भी अपनाया और सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर पहुँच गयी कि पी एम केयर फण्ड के पैसे को नेशनल आपदा राहत कोष में ट्रांसफर करने का आदेश पारित कर दिया जाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की फेक न्यूज़ फैक्टरी की एक न सुनी और उस याचिका को खारिज कर दिया. अब कांग्रेस का कहना यह है कि सुप्रीम कोर्ट भी ठीक से काम नहीं कर रहा है. मतलब सुप्रीम कोर्ट अगर कांग्रेस की फेक न्यूज़ को सच मान ले तो वह ठीक काम कर रहा है वरना वह ठीक काम नहीं कर रहा है.
कांग्रेस शायद यह भूल चुकी है कि देश में शिक्षा और जागरूकता पिछले ६ सालों में बहुत बढ़ चुकी है और उसके हर रोज़ फैलाये जाने वाली फेक न्यूज़ से जनता अब ऊब चुकी है. जनता इस समय कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़ा करके यह सवाल पूछ रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी किस हैसियत से आज पी एम नेशनल रिलीफ फण्ड की गवर्निंग बॉडी की मेंबर बनी हुई है ? क्या इस मुश्किल सवाल के जबाब से बचने के लिए पी एम केयर फण्ड के बारे में कांग्रेस के इकोसिस्टम द्वारा फेक न्यूज़ फैलाई जा रही है ?
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