एक्ट्रेस मौनी राय इन दिनों सुर्खियों में हैं, मौनी ने सरकार से अपील कि है कि स्कूल के बच्चों को भगवत गीता का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए. मौनी का कहना है कि गीता को स्कूल के सिलेबस में जोड़ा जाए. जिसके जरिये बच्चों को अपनी सभ्यता-संस्कृति से जोड़ा जा सके.

मौनी ने एक पोर्टल को दिये अपने इंटरव्यू में कहा कि मैंने लॉकडाउन के दौरान हिंदू धर्मग्रंथ की ओर रुख किया और अपने कोर वेल्यू की खोज की। मौनी ने कहा कि “मैंने बचपन में भगवत गीता का सार पढ़ा था, लेकिन अब तक इसे समझ नहीं पाईं हूं। लेकिन लॉकडाउन के दौरान, मैं बहुत धार्मिक हो गई। मुझे वास्तव में लगता है कि यह एक धार्मिक पुस्तक से कहीं ज्यादा है । अगर आपके दिमाग में कोई सवाल है, तो आपको आपके सारे सवालों का जवाब गीता में है।मौनी इन दिनों भगवत गीता की क्लास भी ले रही हैं.

जब उनसे बॉलीवुड में गीता को अपनाने के बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, “गीता की आवश्यकता केवल भारत या बॉलीवुड या स्कूल में नहीं है। भारत में, यह परिवारों में रूढ़िवादी विचार प्रक्रिया को बदल सकता है। “हम सचमुच अज्ञान में रहते हैं, और हम वास्तव में वेदों और उपनिषद के देश से आते हैं, फिर भी हम कुछ नहीं करते हैं। हम एक सोने की खान पर बैठे हैं। मनोरंजन उद्योग एक तनावपूर्ण जगह है। और वहां शनिवार और रविवार यानि दो दिन की छुट्टी वाली कोई बात नहीं है. हमें लगातार काम करना पड़ता है ” जिसकी वजह से हम कई बार खुद को भी भूल जाते हैं, ऐसे में हमें गीता का सहारा लेना चाहिए .

गीता भारतीय संस्कृति की आधारशिला है. हिन्दू शास्त्रों में गीता का स्थान सबसे ऊपर है. गीता को मां भी कहा गया है। माता का स्थान सबसे ऊपर होता है इसी कारण शपथ भी ली जाती है तो गीता के ऊपर हाथ रखकर। अदालत के लिए ऐसे धार्मिक ग्रंथों की कमी नहीं है, लेकिन गीता तो गीता है, वह माता है, सबकी माता।

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