पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच कर रही फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में कमेटी ने साफतौर पर कहा है कि बंगाल में रेप , हत्याएं और आगजनी जैसी घटनाएं बड़े पैमाने पर हुई थीं. रिपोर्ट में साफ तौर से कहा गया है कि चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में हिंसा हुई है. रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि राज्य में महिलाओं के साथ शारीरिक और मानसिक, दोनों तरह से अत्याचार किए गए. साथ ही बंगाल में चुनाव के बाद लोकतंत्र खत्म होने जैसे हालात बन गए थे.
इस रिपोर्ट में प्रदेश में हुई हिंसा को पूर्व नियोजित बताया गया है। साथ ही ये बात भी सामने आयी है कि 2 मई 2021 की रात से राज्य के अलग-अलग जगहों में हुई हिंसा केवल एक पार्टी को वोट न देने वालों के साथ हुई।
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने रिपोर्ट में बताया है कि वैसे क्रिमिनल जिनके खिलाफ बंगाल में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं उन्होंने इस काम को अंजाम दिया। रिपोर्ट ये भी बताती है कि हिंसा में सिर्फ उन लोगों को निशाना बनाया गया जिन्होंने अपना वोट एक निश्चित पार्टी को नहीं दिया। ऐसे ही लोगों के घर जलाए गए। तोड़फोड़ हुई और उनकी लड़कियों और महिलाओं के साथ रेप भी किया गया। साथ ही लोगों को इतना डराया गया कि कोई भी पुलिस से शिकायत न करे। वहीं पुलिस ने भी पीड़ितों को कोई सुरक्षा नहीं दी, उनसे कहा गया कि वह एक विशेष राजनीतिक पार्टी को सपोर्ट देना बंद करें।
बंगाल हिंसा मामले की सच का पता लगाने के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी को सौंपी है। इसमें बंगाल सीएम को राज्य में हिंसा रोकने में नाकाम बताया गया है . कमेटी के सदस्यों ने 63 पेज की एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए टीम पश्चिम बंगाल गई थी, जहां से 200 से ज्यादा तस्वीरें, करीब 50 से ज्यादा वीडियो एनालिसिस करके यह रिपोर्ट तैयार की गई है. इतना ही नहीं, यह टीम ग्राउंड पर लोगों से भी मिली है.
बता दें आपको राज्य सरकार इस कमेटी को राज्य में आने से लगातार मना कर रही थी. कमेटी के चेयरमैन ने चीफ सेक्रेटरी को ग्राउंड रियलिटी के लिए 11 मई को पत्र लिखा था, 12 मई को वहां के चीफ सेक्रेटरी ने जवाब दिया और कहा था की कोरोना के चलते आप ग्राउंड में नहीं आ सकते हैं. यह भी कहा गया कि अभी मामले पर कोर्ट में सुनवाई होनी है इसलिए अभी राज्य में आना ठीक नहीं है. बाद में इस कमेटी ने CRPF की सुरक्षा लेकर पश्चिम बंगाल में जाकर अपनी रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें हिंसा प्रभावित कई गांवो का दौरा इस टीम ने किया है।
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