भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में जितने सेनानियों ने अपना बलिदान दिया है, उसकी परतें अब धीरे-धीरे खुल रही हैं। अब तक इस देश में महज एक पार्टी से जुड़े हुए लोगोंं को ही स्वतंत्रताा सेनानी बताया गया है मगर अब इतिहास के राज खुल रहे हैं।
आपको बता दें कि 1857 संग्राम में 1 करोड़ भारतीय मारे गए थे। अकेले उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार में मारे गए ये लोग भारत की तत्कालीन आबादी के सात फीसदी थे। गिलगिट से लेकर मदुरई, मणिपुर से लेकर महाराष्ट्र तक कोई इलाका ऐसा नहीं था, जो इस विद्रोह के असर से अछूता रहा हो।
अयोध्या में उस जगह पर, जहां बाबरी मस्जिद ढहाई गई, महंत रामदास और मौलवी आमिर अली के साथ-साथ शंभू प्रसाद शुक्ला और अच्चन खान को अगल-बगल फांसी लगाई गई थी। देश के पहले स्वाधीनता संग्राम के बारे में अब तक न कही गई ये कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें अमरेश मिश्रा ने अपनी किताब ‘War of Civilisations: India AD 1857’ में सामने लाए हैं।
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