मेरा आन तिरंगा है .
मेरा मान तिरंगा है ..
मेरे जान तिरंगा है ..
26 जनवरी निश्चित तौर पे सभी देशभक्त हिन्दुस्तानियो के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है .
यह 26 जनवरी सिर्फ एक दिन ही नही इसके साथ हमारी आस्था जुडी है …
देश प्रेम जुडा है ………
इस तिरंगे को जब हम लहराते है /फहराते है तो हमारा रोम रोम प्रफुल्लित हो जाता है …….और वह क़ुरबानी याद आ जाती जो हमारे आपके देशभक्त पूर्वजो ने दिया !
इस आजादी को हमे सम्हाल को रखना है इसे टुकड़े टुकड़े गैंग को बताना है की आजादी के लिए हमारे पूर्वजो ने हस्ते हस्ते फासी पे लटक गये और यह देश सिर्फ चलता है तो श्री राम के नाम से !!!
इस जश्न को उत्सव को महोत्सव को हमे इस तरीके से मानना है की स्वर्ग में बैठे आजादी के वीर हमारे सनातनी गौरवान्वित महसूस करे !
ध्यान देने योग्य बाते
निचित तौर पे हम 26 जनवरी १९५० को बाबा साहेब का संबिधान लागू होने के बाद भारत में प्रगति की है लेकिन हम उस जगह पे आज तक नही पहुच पाए जहा हमे रहना चाहिए अर्थात भारत विश्व गुरु बनना
इसे बनाने के लिए हमे सबसे पहले सनातन को आगे बढ़ाना होगा टुकड़े टुकड़े गैंग का पर्दाफाश करना होगा
राम राज्य लाना पड़ेगा .
आज हम लोग ठण्ड में घर में बैठे तो दुसरे ओर हमारे सैनिक भाई बॉर्डर पे सीना तान के दुसमन के सामने खड़े है तो हम आराम से है
और कुछ विदेशी DNA के जो लोग है वह आज हमारे सैनिक के सौर्य पे शक करते है ……
आइये एक वादा खुद से करे इस गणतंत्र दिवस से एसे विदेशी DNA /टुकड़े टुकड़े गैंग /अर्बन नक्सलवाद की सोच के खात्मे के लिए
हम सनातनी किसी भी जाति के हो एक होंगे ………..
मैंने छाती का लहू पिला पाले विदेश के क्षुधित लाल।
मुझ को मानव में भेद नहीं, मेरा अंतस्थल वर विशाल।
जग के ठुकराए लोगों को, लो मेरे घर का खुला द्वार।
अपना सब कुछ लुटा चुका, फिर भी अक्षय है धनागार।
मेरा हीरा पाकर ज्योतित परकीयों का वह राजमुकुट।
यदि इन चरणों पर झुक जाए कल वह किरीट
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