सुप्रीम कोर्ट से झूठ बोलने पर माफी मांगनी पड़ी थी
कई बार पकड़ा जा चुका है राहुल गांधी का झूठ
आज सुबह राहुल गांधी ने कहा : ” क्यूंकी मैं झूठ नहीं बोलता “ और तुरंत देश की सेना के खिलाफ अपने अभियान को शुरू कर दिया । राहुल गांधी ने एक बार फिर चीन की तरफदारी करते हुये कहा कि चीन कि सेनाओं ने भारत कि सेनाओं को हराकर भारत कि जमीन पर कब्जा कर लिया हैं। राहुल गांधी बार बार भारतीय सेना को हारा हुआ और कमजोर साबित करने का अभियान चला रहे हैं,
आज चीन के लिए एक बार फिर आगे बढ़कर कैम्पेन करते हुये राहुल गांधी ने कहा कि वो कभी झूठ नहीं बोलते। इसी के साथ राहुल गांधी के अनेक झूठों मे एक झूठ और जुड़ गया
राहुल गांधी को शायद लगता है कि पूरा देश उनके आसपास के लोगो कि तरह मूर्ख हैं या पूरे देश कि यादाश्त कमजोर हैं। आज हम राहुल गांधी को उनके वो झूठ याद दिला रहे हैं जब वो रंगे हाथों झूठ बोलते पकड़े गए और कई बार उन्होने अपने झूठ कि माफी भी मांगी
यहाँ तक कि देश कि सुप्रीम कोर्ट के रेकॉर्ड मे दर्ज हैं कि राहुल गांधी ने झूठ बोला और लिखित मे माफी मांगी
राहुल गांधी कि मजबूरी हो सकती है चीन के लिए झूठ बोलना, पर हम उनके झूठ याद दिलाते रहेंगे। ये रही लिस्ट राहुल गांधी के दस झूठ जो पकड़े गए :
राफेल पर झूठ बोलकर अपनी बेइज्जती करवा चुके हैं राहुल गांधी : राफेल एक वो मुद्दा है जिस पर राहुल गांधी ने बार बार झूठ बोला और हर बार अपनी बेइज्जती कारवाई। सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार राहुल गांधी से माफी मँगवाई। राहुल गांधी के झूठ पर फ्रांस के राष्ट्रपति तक को बयान जारी करना पड़ा था कि राहुल गांधी ने फ्रांस के राष्ट्रपति से अपनी मुलाकात के बारे मे झूठ बोला हैं। यहाँ तक कि मोदी के खिलाफ झूठ बोलने मे राहुल गांधी इतने होश खो बैठे थे कि बीमारी में मिलने के बहाने मनोहर परीक्कर जी के घर गए और बाहर आकार राहुल गांधी ने झूठ बोला। बाद में सारे देश के सामने राहुल गांधी कि जबर्दस्त किरकिरी हुयी थी
किसानो के लोन माफी पर झूठ : कर्नाटक और मध्य प्रदेश मे कांग्रेस सरकारों द्वारा दो दिन के अंदर लोन माफ किए जाने का बयान राहुल गांधी ने बकायदा मीडिया बुलाकर जारी किया था। बाद में जब सच सामने आया तो पता चला राहुल गांधी झूठ बोल रहे थे । कर्नाटक में राहुल गांधी ने कहा था कि 44000 करोड़ रुपए का लोन माफ कर दिया गया, बाद मे पता चला पूरे कर्नाटक में केवल 800 किसानो का लोन माफ किया गया था।
किसानो के मुद्दे पर खुलेआम झूठ बोलने के कारण ही मध्य प्रदेश और कर्नाटक मे कांग्रेस के कार्यकर्ता राहुल गांधी से नाराज हुये और दोनों जगह कांग्रेस कि सरकार कांग्रेस के लोगों ने ही गिरा दी।
कैलाश मानसरोवर यात्रा पर झूठ : 2018 मे कांग्रेस पार्टी ने बयान जारी करके कहा था कि राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाना चाहते हैं लेकिन मोदी सरकार उन्हें जाने नहीं दे रही। कांग्रेस के मुख पत्र नेशनल हेराल्ड ने तो सुषमा स्वराज जी के खिलाफ एक लेख तक लिख डाला था । बाद मे सच सामने आया तो पता चला कि तब तक राहुल गांधी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने के लिये एपलाई तक नहीं किया था। बाद में कहा जाता हैं कि राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर गए लेकिन जब एक सार्वजनिक कार्यक्रम मे एक छात्रा ने उनसे कैलाश मानसरोवर कैसा दिखता हैं पूछा तो राहुल गांधी कोई जवाब नहीं दे पाये ।
राहुल गांधी ने झूठ बोला था कि मोदी ने आदिवासियों को गोली मारने का कानून पास कर दिया : अप्रैल 2019 में राहुल गांधी ने एक झूठा भाषण दिया और कहा कि मोदी सरकार ने आदिवासियों को गोली मारने का कानून संसद मे पास कर दिया हैं। ये भाषण झूठ का पुलिंदा था
राहुल गांधी का ये झूठ एकदम नक्सलवादियों कि भाषा से भरा हुआ था। देश मे आदिवासियों को भड़काने के लिए ऐसा झूठ केवल नक्सलवादी और माओवादी बोलते आए थे लेकिन अब राहुल गांधी भी वहीं भाषा बोलने लगे
राहुल गांधी झूठ की आँधी बन गए थे जब उन्होने अपने भाषण मे कहा था की मोदी नॉर्थ ईस्ट मे युवाओं की हत्या करवा रहे है :
बरसो के बाद आतंकवाद से मुक्त हुये नॉर्थ ईस्ट में राहुल गांधी ने एक ऐसा झूठ बोला था कि पूरे नॉर्थ ईस्ट में दोबारा आग लग सकती थी। राहुल गांधी ने भयानक झूठ बोलते हुये कहा था कि मोदी देश के नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में युवाओं कि हत्या करवा रहे हैं। सच ये हैं कि कांग्रेस सरकारों में आतंक और अलगाववाद कि आग में जलते नॉर्थ ईस्ट में शांति ही मोदी सरकार के आने के बाद स्थापित हुयी हैं
राहुल गांधी ने झूठा बयान देकर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने बोला हैं कि चोकीदार चोर हैं : राहुल गांधी के इस झूठ का असर ये हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाई और आगे से झूठ ना बोलने कि चेतावनी दी । लेकिन जनता मे राहुल गांधी के इस झूठ से इतना गुस्सा भड़क गया कि जनता ने राहुल गांधी को अमेठी छोडकर भागने पर मजबूर कर दिया । ये राहुल गांधी के झूठ बोलने का नतीजा था कि आज़ादी के बाद पहली बार गांधी परिवार को अमेठी से हार कर भागने पर जनता ने मजबूर कर दिया
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