बिहार के पूर्णिया जिले के बायसी थाना के खपड़ा पंचायत के मझुवा गांव में हजारों मुसलमानों की भीड़ ने महादलित टोले के हिंदुओं पर हमला किया . पूर्णिया जिले का हिस्सा बंगाल की सीमा से जुड़ता है तो इसके दूसरी तरफ नेपाल है . दरअसल बिहार में बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों को बसाने के लिए सरकारी जमीन पर कब्जा करने का ‘खेल’ बदस्तूर जारी है , माना जा रहा है इसी घिनौने मकसद से 19 मई की रात को महादलित टोले के हिंदुओं पर हमला किया गया। मुसलमानों की भीड़ ने मेवालाल हरिजन नाम एक शख्स की तलवार से काट कर हत्या कर दी, जबकि तीन साल का एक बच्चा गायब है। इतना ही नहीं भीड़ ने वहां तैनात चौकीदार दिनेश राय को बुरी तरह पीटा ।
चश्मदीदों के मुताबिक सबके हाथ में पेट्रोल का गैलन था। वे घरों पर पेट्रोल डालते गए और आग लगाते गए। इस दौरान जब लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे तब उन्हें खींच-खींच कर भीड़ मारने लगी। भीड़ ने न महिलाओं पर तरस खायाय और न ही बच्चों और बूढ़ों पर . महादलित यहां पर लगभग 35 सालों से रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि भीड़ को भड़का कर लाया गया था। पूर्णिया के एसपी ने बताया कि इस मामले में अभी तक दो की गिरफ्तारी हुई है।
पीड़ितों की मानें रिजवी, शाकिद और इलियास का यह व्यक्तिगत मामला था। बाकी लोग उसके समर्थन में बस इसलिए आए थे, क्योंकि वह मुस्लिम है। पूरी भीड़ मुस्लिम समुदाय की मदद करने के लिए आई थी। यही तीन लोग बाकी लोगों को भड़का कर लाए थे। वहां के हिंदुओं के अनुसार भीड़ में शामिल लोग कह रहे थे, ‘‘तुम दलितों के यहां रहने से हमारे रिश्तेदार नहीं आते हैं। इसलिए यहां से भाग जाओ।’’
इधर विश्व हिंदू परिषद ने पूर्णिया के जिहादियों पर कठोर कार्रवाई कर पीड़ित महा-दलितों के लिए न्याय की मांग की है.
बायसी प्रखंड के साथ-साथ अनुमंडल भी है, जो मुस्लिम-बहुल है। यहां की लगभग 75 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। इनमें बड़ी तादाद में बांग्लादेशी मुसलमान शामिल हैं। स्थानीय मुसलमान कई दशकों से इस इलाके के सरकारी भूखंडों पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसा रहे हैं। अब तो यह भी कहा जा रहा है कि यहां रोहिंग्या मुसलमान भी बसाए जा रहे हैं। इसलिए स्थानीय हिंदुओं का कहना है कि यह सब बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए किया जा रहा है। बता दें आपको 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बायसी विधानसभा से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के रुकनुद्दीन अहमद जीते हैं। इस क्षेत्र से पहली बार AIMIM का उम्मीदवार जीता है। कई लोगों ने बताया कि रुकनुद्दीन के विधायक बनने के बाद बायसी में हिंदुओं का उत्पीड़न बढ़ गया है। रुकनुद्दीन बायसी के पास बैरिया गांव के रहने वाले हैं।
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