सन् 2008 – देश की राजधानी दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर बम विस्फोट हुए, जिसमें 39 लोगों की मौत हो गई थी। बम धमाकों में 150 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। पुलिस ने चार्जशीट में ये बात रखी थी।
19 सितंबर, 2008- आतंकियों को गिरफ्तार करने बाटला हाउस पहुंची पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई, दो आतंकी ढेर हो गए थे। एक आतंकी ने आत्मसमर्पण किया था। दो आतंकी फरार हो गए थे। इस दौरान पुलिस के एक इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे। पुलिसकर्मी बलवंत गोली लगने से घायल हो गए थे।

सलमान खुर्शीद ने इस घटना पर कहा था कि बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए आतंकी के मौत पर सोनिया गांधी रो पड़ी थी। वैसे भी आतंकियों के लिए कांग्रेस का प्रेम बार बार देखा गया है चाहे वो अफजल गुरु का ही मामला क्यों ना हो।

आज के संदर्भ में क्या है इसका महत्व:
पिछले एक वर्ष से देश वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रहा है । आबादी के हिसाब से देखा जाय तो नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व के कारण भारत में मामले अन्य विकसित देशों की तुलना में कई गुना कम है। कल प्रधानमंत्री मोदी अपने संसद क्षेत्र काशी के डॉक्टरों से बात करते हुए भावुक हो गए और देश में खोए नागरिक और डॉक्टरों के दुखद मौत पर रो पड़े।
कांग्रेस पार्टी, बुद्धजीवी गैंग, Lutyens चाटुकार पत्रकार मोदी के भावुक हुए उस दृश्य पर तंज कसने लगे । कई लोगों ने मोदी को घड़ियाली आंसू बहाने वाला बताया।
जो आतंकियों के मौत पर रोते हैं उन्हें देश की आम जनता की मौत पर रोने वाले लोगों का मजाक बनाना कोई आश्चर्य की बात नहीं।
सोच अपनी अपनी जैसी परवरिश वैसे संस्कार।

अमित कुमार।

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