फ़लस्तीन और इजरायल के बीच जब युद्ध चल रहा था तब पूरी दुनिया के मुसलमान ‘ब्रदर हुड’ का नारा देते हुए फ़लस्तीन के साथ हो गए थे, मगर बीते 10 सालों से चीन मुसलमानों पर जुल्म ज्यादती कर रहा है लेकिन किसी के भी मुंह से अब तक चूँ नहीं निकली है। 57 इस्लामिक मुल्क अपने मुंह पर अपनी बीवियों का बुर्का बांधकर बिल्कुल खामोश हैं, हर एक मुसलमान की आंख पर पर्दा पड़ गया है क्योंकि उन्हें पता है कि यदि चीन के खिलाफ एक भी शब्द बोला तो चीन पर इस बात का कोई असर नहीं होगा और वह उल्टे इन इस्लामिक मुल्कों की खाट खड़ी कर देगा।
ब्रिटेन में प्रकाशित एक औपचारिक क़ानूनी राय (लीगल ओपिनियन) के अनुसार ‘बेहद विश्वसनीय’ सबूतों के आधार पर ये सामने आया है कि चीन की सरकार वीगर मुस्लिमों का जनसंहार कर रही है। इस क़ानूनी राय में कहा गया है कि प्रशासन के ऐसे फ़ैसलों के प्रमाण हैं जो चीन की सरकार के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में बड़े पैमाने पर मुस्लिम अल्पसंख्यक को नष्ट करने के इरादे को दर्शाता है।
डिटेंशन सेंटर में वीगर मुसलमानों को नुक़सान पहुँचाने के लिए कई तरह की सज़ाएं तय की गई हैं…इनमें वीगर महिलाओं को बच्चे को जन्म देने से रोकना जिनमें नसबंदी कराना, गर्भपात कराना और यहां तक कि वीगर समुदाय के बच्चों को किसी अन्य समुदाय के साथ जबरन रहने को मजबूर करना शामिल है।
रिपोर्ट ये भी कहती है कि कई ऐसे ‘विश्वसनीय मामले’ हैं जो सीधे तौर पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को मानवता के ख़िलाफ़ हो रहे इस अपराध के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हैं…वीगर मुसलमानों को टारगेट करने के लिए शी जिंगपिंग की इस मामले में संलिप्तता उनके खिलाफ़ ‘संभावित’ जनसंहार के मामले को बल देती है।
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