नक्सल समर्थित स्टेन स्वामी के निधन पर जिस तरह से लिबरल और टुकड़े टुकड़े गैंग मिलकर हल्ला मचा रहा है वह अपने आप में शर्मनाक है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्टेन स्वामी के समर्थन में ट्वीट कर कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक मंशा को दर्शा दिया है। यह वही कांग्रेस पार्टी है जो हाफिज सईद और ओसामा बिन लादेन के नाम में ‘जी’ लगाकर बात करती है, यह वही पार्टी है जो कश्मीर में से 370 हटाने की बात करती है, यह वही कांग्रेस पार्टी है जो पालघर में साधुओं की हत्या पर मौन रहती है मगर नक्सल समर्थित स्टेन स्वामी जो अपनी प्राकृतिक मृत्यु को प्राप्त हुए हैं उनके निधन पर सरकार को घेरने के लिए नाहक शोर मचाती है।
आखिर इस देश में रहकर इस देश का नमक खाकर इस देश के खिलाफ गद्दारी की भाषा बोलना कितना आसान है, दुखद बात यह है कि देश में यह कुकृत्य कई सालों से चलता आ रहा है और यह कुकृत्य आने वाले कितने सालों तक चलेगा इसका अंदाजा भी नहीं है।
मुकम्मल और तेज आवाज में यह बात राहुल गांधी से पूछी जानी चाहिए कि जब पालघर में साधुओं का नरसंहार हुआ था तब पूरी कांग्रेस पार्टी मुंह पर चुप्पी की टेप लगाकर मौन क्यों थी? स्टेन स्वामी 84 साल की आयु में ट्रीटमेंट के दौरान प्राकृतिक मृत्यु को प्राप्त हुए हैं मगर पालघर के साधुओं का तो सीधे-सीधे नरसंहार किया गया था… राहुल गांधी का यह ट्वीट पिछले 70 सालों से कांग्रेस की मानसिकता को दिखाता है कि आखिर किस तरह से नक्सल और जिहादी तत्वों को कांग्रेस पार्टी समर्थन देती आई है जबकि इसी नक्सली मूवमेंट के चलते देश में हजारों जवान शहीद हुए हैं।
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