ट्विटर पर ट्रेंड कर गई सम्पत सारस्वत की पुस्तक, जिंदगी – मुफ्त या संवेदनशील
प्रसार भारती में नेशनल पैनलिस्ट के रूप में कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सम्पत सारस्वत बामनवाली ने अपनी पहली पुस्तक “जिंदगी – मुफ्त या संवेदनशील” गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अपने परम पूज्य स्वामी जी के हाथों वर्चुअल विमोचन करवाई, पुस्तक के विमोचन के साथ ही ट्विटर पर ट्रेंड होनी शुरू हो गई, देखते ही देखते चंद घंटों में पुस्तक को लेकर करीबन सब जगह चर्चा व ट्वीट होने से हैशटैग #JindagiBookLaunch इंडिया के टॉप पांच नंबर पर ट्रेंड करने लग गई ।
बता दे कि पुस्तक के लिए कुछ घंटों में करीबन 52 लाख लोगो तक अपनी पहुंच बनाई, जिंदगी के सत्य घटनाओं और अनुभवों पर लिखी पुस्तक के हर चैप्टर में आज के युवा शक्ति को किस तरह से आगे बढ़ना चाहिए व जीवन में किन किन परिस्थितियों का सामना किस तरह से करना चाहिए इस पर खास बाते लिखी गई है जातिगत आरक्षण पर खुलकर बोलने सम्पत सारस्वत ने अपने विचारों को साफ साफ पुस्तक में लिखा है
पुस्तक लिखने के पीछे का मुख्य उद्देश्य आज के तेज जीवन में किस प्रकार से भावनाओ व संवेदनाओं को साथ रखकर व्यक्ति को अपने जीवन को खुशहाल बनाने का प्रयास करना चाहिए इस पर भी बात रखी गई, उम्मीद है आने वाले दिनों में सम्पत सारस्वत की लिखी ये पुस्तक युवाओं में जोश और प्रेरणा देने का कार्य करते हुए सफलता के मुकाम छुएगी ।
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