ऐसा लग रहा है जैसे जानबूझ कर कुछ कंपनियों ने अब ये तरीका अपना लिया है कि हिन्दू पर्व त्यौहारों पर अपने उत्पादों को बेचने के लिए या बाजार में उसकी तरफ सबका ध्यान खींचने के लिए , उसे विवादित बनाने के ओछे तरीके को ही आजमाया जाए।
अभी फैब इंडिया के विवादित विज्ञापन जिसमें दीपावली को “जश्न ए रिवाज़ ” जैसा उर्दू नाम देकर और तस्वीर में प्रदर्शित स्त्रियों को भारतीय परम्पराओं से अलग दिखाने की कोशिश कर हिन्दू त्यौहारों को जानबूझ कर इस्लामीकरण करने की कोशिश की गई। लोगों द्वारा तीखी प्रतिक्रिया जताने पर फैब इंडिया को न सिर्फ माफी माँगनी पड़ी बल्कि इस ट्वीट को भी डिलीट करना पड़ा।
लेकिन एक अकेला फैब इंडिया ही नहीं है जो इस तरह की करतूत में शामिल है अभी तो अपने आसपास देखने पर , बहुत से ऐसे ढके छिपे और खुल्लम खुल्ला भी , अपने एजेंडे को फैलाते , आजमाते मिल जाएंगे।
इसी कड़ी में नया नाम जुड़ने जा रहा है चायपत्ती बनाने वाली महशूर कंपनी वाह ताज का जिसने दीपावली पर अपने हिन्दू ग्राहकों को लुभाने और अपनी ओर आकर्षित करने के लिए दिया है ” तोहफा ए ख़ास ” . उर्दू नाम से हिन्दू त्यौहारों को प्रचारित और प्रसारित करने की ये कोशिश जितनी घटिया है उतनी ही खतरनाक भी।
इसी बात पर खीझ कर लोगबाग सोशल नेट्वर्किंग साइट्स पर अब खुल कर इनके विरोध में आ गए हैं। न सिर्फ खुलकर इनके दोगले चेहरे और उसके पीछे तुष्टिकरण और इस्लामीकरण के एजेंडे की असलियत को सामने लाया जा रहा है बल्कि विरोध और प्रतिक्रिया का दायरा बढ़ाते हुए इन कंपनियों के उत्पादों के बहिष्कार की मुहीम भी चल पड़ी है। पिछले दिनों एक के बाद एक कई ऐसे अपराध को पकड़ कर लोगों ने उन्हें माकूल सज़ा दिलवाई है।
भारत पर आक्रमण करने वालों ने सबसे ज्यादा प्रयास भारत की भारतीयता , हिंदुत्व , सनातन संस्कृति , हिन्दुओं के धर्म स्थल और त्यौहारों को ही धूमिल , नष्ट , भ्रष्ट करने का ही किया था जो निरंतर अब भी किसी न किसी रूप में चला आ रहा है। सनातनियों को अब एक होकर, संगठित होकर , इन सबका प्रतिकार करना ही होगा।
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