हाँ आप बिलकुल ठीक पढ़ और समझ रहे हैं। कभी कट्टरपंथ और मज़हबी फतवों के लिए जाना जाने वाले कट्टर मुस्लिम देश सऊदी अरब , अपने नए सुलतान की अगुआई में अब आधुनिकता और उदारता की ओर बढ़ चला है। पछले एक वर्ष में ही सऊदी प्रशासन ने एक के बाद एक नए नए फैसलों से , देश में बर्षों से चले आ रहे कट्टर और अमानवीय कानूनों को या तो ख़त्म कर दिया है या फिर उन्हें बदल कर आधुनिक विश्व के समकालीन सुधारों के अनुरूप कर दिया गया है।
इतना ही नहीं , अभी हाल ही में किए गए क़ानून संशोधनों में , पुरुषों में ढाढ़ी , महिलाओं के हिजाब और बुर्का पहनने की अनिवार्यता समेत ईशनिंदा जैसे कठोर कानूनों में भी काफी ढील देकर सऊदी प्रशासन ने पूरे विश्व को ये सन्देश दे दिया है , विशेषकर मुस्लिम राष्ट्रों को , की भविष्य में सऊदी अरब , मज़हबी कट्टरता के कारण अब तक पिछड़े रहने की प्रवृत्ति को और अधिक नहीं ढोने जा रहा है।
लेकिन फिर भी किसी ने शायद ही ये सोचा हो कि , परिवर्तन की इस नई बयार में , आधुनिकता इतनी जल्दी प्रवाहमान हो जाएगी कि , सऊदी अरब में यूँ सार्वजनिक रूप से किसी रेव पार्टी का आयोजन किया जाएगा और वो भी ऐसा जलसा जहाँ पुरुषों के साथ मुस्लिम महिलाएं भी बराबरी के साथ ही उपस्थ्ति हों।
कार्यक्रम के डी जे संचालक डेविड ख़ुशी से इस बारे में बात करते हुए कहते हैं कि , इस देश में ऐसा पहली बार ही हो रहा है और ये इस लिहाज़ से बहुत ही ज्यादा ऐतिहासिक बात है क्यूंकि इसमें पुरुषों और महिलाओं में कोई भेद नहीं रखा गया गया। डेविड इसे भविष्य में सऊदी अरब के सामाजिक और राजनैतिक व्यवहार में बड़े परिवर्तन होने की शुरुआत की तरह देखते हैं।
यह पार्टी , सऊदी अरब में , रेड सी इंटरनेशन फिल्म फेस्टिवल -जो कि इस देश के इतिहास में पहला अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्स्व आयोजन है – के परिप्रेक्ष्य में आयोजित की गई थी। डेविड कहते हैं कि , मज़हबी रूप से रूढ़िवादी देश सऊदी अरब में आज से कुछ वर्षों पहले ऐसे किसी भी उत्सव आयोजन की कल्पना करना भी बेमानी सा लगता था। किन्तु सामजिक रूप से मुखर नए सुलतान की नई सुधारवादी रुख और नीतियों के कारण अब ये सुखद बदलाव देखने को मिल रहा है। इससे निश्चय ही सऊदी अरब के पर्यटन को और भी ज्यादा विस्तार मिलेगा।
सऊदी अरब के नए सुलतान , मुहम्मद बिन सुतलान खुद भी काफी आधुनिक विचारों के हैं मज़हबी कट्टरता को छोड़ कर उदारवाद की तरफ बढ़ने के इच्छुक रहे हैं। विशेषकर मुस्लिम महिलाओं पर सऊदी अरब में लगने वाली बहुत सारी बंदिशों और पाबंदियों में ढील देकर और उन्हें सिरे से समाप्त करने की घोषणा करके उन्होंने इस बात को साबित भी किया है।
गौरतलब है कि , आज जहाँ एक तरफ विश्व में कुछ मुस्लिम राष्ट्र , तेज़ी से मज़हबी कटटरता के जाल में फंस कर आतंक के रास्ते को चुन रहे हैं वहीँ सऊदी अरब जैसे देश नए सुधारों की तरह बढ़ रहे हैं।
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