असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा जब से सूबे के मुख्यमंत्री बने हैं, अपराधी हिमंता की पुलिस से खौफ खाने लगी है इसमें कोई दो राय नहीं है. कुछ दिनों पहले सीएम हिमंता ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर असम में एनकाउंटर मॉडल लागू किया है, जो काफी सफल भी रहा है।
इसी कड़ी में असम के मोरीगांव जिले में एक 50 साल के व्यक्ति के पैर में पुलिस ने उस समय गोली मार दी जब वह पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था। गोली आरोपी के घुटने में लग गई, जिसके बाद उसे गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है . बता दें कि उसे तीन नाबालिग लड़कियों से बलात्कार के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था . यही नहीं बाद में उसने पूछताछ में चार नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने की बात कबूल की।
मीडिया रिर्पोट के मुताबिक घटना गुरुवार की ही, मोरीगांव जिले की पुलिस अधीक्षक अपर्णा एन ने बताया कि आरोपित रजनी कांता दैमारी को उसकी गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद चौथी पीड़ित बच्ची के कुछ कपड़े बरामद करने के लिए पुलिस जब उसके साथ आरोपी के घर जा रही थी उसी दौरान उसने भागने की कोशिश की , अपर्णा एन ने कहा, “आरोपित के खिलाफ 9, 7 और 6 साल की तीन नाबालिग लड़कियों के साथ कई बार बलात्कार करने का मामला दर्ज किया गया था। आखिरी बार उसने रविवार को किया था, जिसके बाद पीड़ितों के परिवारों को इसके बारे में पता चला और उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।” आरोपी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम की धारा 376 AB और R/W धारा 6 के तहत लहरीघाट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था।
आपको याद होगा कुछ दिनों पहले “असम के पुलिस अधिकारियों को हिमंता ने अपने संबोधन में कहा था कि, “अपराधी अगर भागने की कोशिश करता है तो उसे पकड़ने के लिए एनकाउंटर किया जाए। यदि क्रिमिनल पुलिस के हथियारों तक को छीनता है तो उसका एनकाउंटर करना सही पैटर्न माना जाएगा।”
इसी बैठक में सीएम हिमंता ने ये भी कहा था कि महिलाओं और युवतियों के साथ होने वाले बलात्कार जैसे संगीन अपराधों के मुद्दों पर 6 महीने के भीतर आरोप पत्र दाखिल कर दिया जाना चाहिए, जोकि पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने में सहायक होगा।” जाहिर है सीएम हिमंता की बातों का असर दिखने लगा है।
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