भारत के अलग-अलग हिस्सों में धर्मांतरण गैंग अपने जाल में लोगों को तरह-तरह के लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करवा रहा है. लेकिन वहीं दूसरी तरफ अच्छी तस्वीर भी सामने आ रही है जब दोबारा लोग अपने हिंदू धर्म में लौट रहे हैं . लोभ और लालच का असर आदिवासियों पर नहीं पड़ रहा जिसकी वजह से ईसाईयत की कमर टूट रही है। ऐसी ही खबर सामने आयी है झारखंड से जहां पश्चिमी सिंहभूम जिले के मझगांव थाना क्षेत्र स्थित तरतरिया पंचायत के सिरासाई मांगापाट गांव के तीन परिवारों के नौ लोगों ने अपने घर में वापसी की है. सभी नौ लोगों की आदिम ‘हो’ समुदाय के रीति-रिवाज से शुद्धिकरण कर घर वापसी करवाया गया।
इन तीनों परिवारों ने तीन साल पहले ईसाई धर्म अपनाया था. आदिवासी समाज युवा महासभा दिउरी प्रमुख नरेश पिंगुवा, सह उप-प्रमुख गोवर्धन पिंगुवा ने गांव के देशाउली का शुद्धिकरण किया गया। कमेटी ने अपने धर्म में वापसी किये लोगों का स्वागत है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से उनके पूर्वज रहे, वही उनकी भी जीवनचर्या है।
दरअसल धीरे-धीरे आदिवासी समाज के लोग भी जागरुक हो रहे हैं, उन्हें ये मालूम चल रहा है कि कुछ पैसों के लालच में आकर उन्हें उनके धर्म और संस्कृति से दूर किया जा रहा है . वे अपने समाज के प्रति होने वाले षडयंत्रों को पहचानने लगे हैं। जिसका नतीजा है कि ये दोबारा अपने धर्म में लौट रहे हैं।
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