याद करिये कि कैसे भारत का एक उपराष्ट्रपति अपनी विदाई अभिभाषण के दौरान , बदली हुई सत्ता और सियासत से इतना असहज हो उठता है कि सीधे सीधे ही पूरे देश पर आरोप लगा कर आशंका ज़ाहिर कर देता है कि , भारत में अल्पसंख्यक (मुस्लिम समाज ) जिसके साथ हमेशा ही इस देश में दोयम दर्ज़े का व्यवहार किया जाता रहा है , नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार के आते ही वो अब खतरे में आ गया है।  अब कल्पना करके देखिये कि ये सब बातें कह कौन रहा है , कहाँ कह रहा है और किस समय कह रहा है ?

ऐसा नहीं है की पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के कारनामे और उनके मंसूबों की झलक पहले नहीं मिली हो। हाँ , अब रह रह कर उनकी काली करतूतों पर से अचानक पर्दा उठ रहा है तो एक बार फिर से उनकी और उनके सरपरस्त कांग्रेस का असली चेहरा फिर से जनता के सामने आ गया है।  पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्ज़ा के यूट्यूब वीडियो में उसकी स्वीकारोक्ति कि , वो जो कि पास्कितानी खुफिया एजेंसी ISI का एजेंट था उसे एक या दो नहीं बल्कि पांच बार , हामिद अंसारी की कृपा और आग्रह पर न सिर्फ भारत बुलाया गया बल्कि , उसने आकर आतंकवाद विरोध पर भी अपने विचार साझा किए।  भाई वाह। पाकिस्तानी खुफिया एजेंट भारत में आकर भारत के उपराष्ट्रपति के साँझ एक मंच पर बैठ कर आतंकवाद विरोध का जलसा करता है।  अब इससे ज्यादा भाईचारा पाक्सितान के साथ भला कैसे निभाया जा सकता था।  

अंसारी जी द्वारा टीवी और कैमरे पर आकर बार बार मुर्तजा को दूर दूर तक न पहचानने के दावे की सारी हवा उस वक्त निकल गई जब ऐसे ही किसी आयोजन की तस्वीर में मुर्तज़ा अंसारी साथ बैठे बिरयानी उड़ा रहे थे।  और अभी तो जाने कितने ही ऐसे घृणित प्रयास , साजिश और उनके सच से पर्दा उठना बाकी है।  मज़हबी कट्टरता की मानसिकता से भरे हुए हामिद अंसारी पर इससे पहले भी ये गंभीर आरोप लगे हैं कि विदेशों में अपनी नियुक्ति के दौरान संवेदनशील सूचनाओं के प्रति अधिक सतर्क न रहने या उन्हें लीक होने देने के परिणामस्वरूप देश की सर्वोंच्च सुरक्षा एजेंसी RAW के कई फील्ड एजेंट की पहचान उजागर होने के कारण उनकी जान पर बन आई थी।

कांग्रेस की सरकारों द्वारा मुस्लिम तलवा चाटुकरण और तुष्टिकरण की नीति के बावजूद , जाने कितने ही मुस्लिम राजनेताओं कोई देश के शीर्ष पद पर आसीन होने के बावजूद भी हामिद अंसारी और इनके जैसी सोच रखने वाले आज भी अभी भी यही आरोप लगाए फिरते हैं कि , मुस्लिमों के साथ इस देश में असमानता क्या व्यवहार किया जाता रहा है। 

वैसे इस बात पर इतना ज्यादा कुछ लिखने की जरूरत है नहीं।  कारनामे करतूतें और काले इरादे -देर सावेर जग जाहिर हो ही जाते हैं।  पूर्व उपराष्ट्रपति और उनकी पार्टी कांग्रेस शुरू से ही पाकिस्तानियों , चीनियों और भारत का अहित सोचने वाले तमान देशों , लोगों के साथ ही दिखती थी।  रही अंसारी जी की बात , तो ये देश अहसानफरामोशों को भी बराबर याद रखता है -बेशक। 

 

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