कनाडा में खालिस्तानी प्रवृत्ति के लोगों ने पिछले कई दिनों से चल रहे प्रदर्शन की आड़ में बेशर्मी की सारी हदें पार कर दीं। कनाडा में बीते कई दिनों से हजारों लोग वैक्सीन को अनिवार्य किए जाने और कोविड प्रतिबंधों जैसे सरकारी आदेशों को खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन इस बीच पिछले दस दिनों में ग्रेटर टोरंटो एरिया के मंदिरों में इन प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ तोड़फोड़ की, दान पेटी से दान चुराया और फिर भगवान की मूर्तियों पर चढ़े आभूषणों तक को नहीं छोड़ा. घटना के बाद से मंदिरों के पुजारी और हिन्दू धर्म के लोगों तक सभी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

आंदोलनकारियों का कहना था कि जब तक सरकार वैक्सीन की अनिवार्यता को खत्म नहीं करती है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। वहीं बीते दिनों कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो भी आंदोलनकारियों की वजह से राजधानी छोड़कर सीक्रेट लोकेशन पर निकल गए थे। खास कर वहां रहने वाले भारतीय मूल के हिंदुओं में सबसे ज्यादा डर का माहौल है. उनका कहना है कि जब खुद प्रधानमंत्री को छुपकर शरण लेना पड़ रहा है तो फिर आम लोगों की क्या बिसात .

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कैसे कनाडा से खालिस्तानी एजेंडा भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर हावी हुआ था. खालिस्तानियों को हमेशा से भारत से चिढ़ रही है, ऐसे में कनाडा, जहां ये खुद को बहुसंख्यक मानते हैं, वहां हिन्दू मंदिरों को वो कैसे बर्दाश्त कर लेते? यही वजह है कि ट्रक आंदोलन की आड़ में खालिस्तानियों ने हिन्दुओं के मंदिरों में तोड़फोड़ से लेकर चोरी तक की।

वहीं मंदिर द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, “इस घटना से श्रद्धालु और पुजारी आहत हैं। पुलिस ने मंदिर के चारों ओर गश्त बढ़ाने का भी वादा किया है।

 

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