UN के ट्विटर हैंडल ‘यूएन जिनेवा’ ने पत्रकार राना अय्यूब के समर्थन में आकर भारत के विरोध में ट्वीट किया है, जिसपर भारत ने UN को लताड़ लगाते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राणा अयूब के खिलाफ हुए महिला विरोधी और सांप्रदायिक हमलों के बारे में ऑनलाइन ट्वीट किया गया था। जिसमें कहा गया था कि, राणा अय्यूब के खिलाफ इस तरह के हमलों पर भारत सरकार को संज्ञान लेना चाहिए और भारतीय अधिकारियों को इसकी पूरी जांच करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अय्यूब के खिलाफ न्यायिक प्रताड़ना खत्म होनी चाहिए।
वहीं इस ट्वीट के जवाब में भारत नें भी संयुक्त राष्ट्र के आरोपों पर कड़ा पलटवार किया है। भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, ” तथाकथित न्यायिक प्रताड़ना संबंधी आरोप बेबुनियाद और हैं। भारत में कानून का राज है। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। भारत ने कहा कि यूएन के विशेषज्ञों से ये उम्मीद की जाती है कि उनका उद्देश्य अच्छा हो और उनके पास पुष्ट सूचनाएं हों।”
दरअसल जेनेवा में UN के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भारत की पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ हुए महिला विरोधी और सांप्रदायिक हमलों के बारे में ऑनलाइन ट्वीट किया गया था। ट्वीट में कहा गया था कि, ”राणा अय्यूब के खिलाफ इस तरह के हमलों पर भारत सरकार को संज्ञान लेना चाहिए और भारतीय अधिकारियों को इसकी पूरी जांच करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अयूब के खिलाफ न्यायायिक प्रताड़ना खत्म होनी चाहिए। ”
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने पत्रकार राणा अय्यूब के एक करोड़ 77 लाख रुपये जब्त कर लिए। ईडी अधिकारियों का कहना है कि राणा अय्यूब ने कोविड, बाढ़ राहत और प्रवासियों के लिए तीन ऑनलाइन अभियान शुरू किए थे। ये एक तरह की क्राउड फंडिंग थी। उन्हें FCRA की मंजूरी के बिना विदेशी योगदान मिला। ईडी का कहना है कि उन्होंने गोवा की यात्रा जैसे निजी खर्चों के लिए चंदे का इस्तेमाल किया।
जहां एक तरफ राणा अय्यूब पर ठगी का आरोप है, उनपर जांच चल रही है और मोहतरमा ने UN तक से ट्वीट करवा दिया। वहीं राणा अय्यूब के चक्कर में UN ने अपनी साख गिरा ली सो अलग।
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