झारखंड के हजारीबाग जिले में 17 साल के रुपेश पांडे की हत्या मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम रविवार को हजारीबाग के बरही के नईटांड पहुंची. खुद आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मृतक रूपेश पांडे के परिवार वालों से मुलाकात की।

NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने रुपेश की मां उर्मिला देवी से अकेले में मुलाकात की. साथ ही घटना की रात रुपेश के साथ मौजूद उसके तीनों साथियों से भी पूछताछ की. प्रियंक कानूनगो ने परिवार को भरोसा दिलाते हुए कहा कि परिवार को हर हाल में न्याय मिलेगा. बता दें कि बरही में सरस्वती प्रतिमा विसर्जन जुलूस देखने के निकले रूपेश पांडेय की हत्या कर दी गई थी।

पत्रकारों के यह पूछे जाने पर कि रूपेश पांडे की हत्या मामले में 27 नामजद आरोपी हैं, क्या यह मामला मॉब लिचिंग का है। जिसके बाद प्रियंक कानूनगो ने कहा कि जाहिर यह मामला मॉब लिंचिंग का है। रूपेश पांडेय हत्या मामले में जो जांच है वह किशोर न्याय अधिनियम की भावना के विपरीत है। आयोग के अध्यक्ष ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधान नाबालिग के साथ जांच में जो व्यवहार अपनाने जाने चाहिए थे वे नहीं अपनाए गए।

साभार-ट्वीटर

उन्होंने मामले के जांच अधिकारी से पूछा है कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए क्या कार्रवाई की गई। उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं प्राप्त हुई कि उन्होंने किसी अपराधी की प्रॉपर्टी कुर्की करने की कार्रवाई की या किसी आरोपी को फरार घोषित करने की कार्रवाई की या उनकी जांच कहां तक पहुंची है।

प्रियंक कानूनगो ने रूपेश पांडेय हत्याकांड की जांच से जुड़े अधिकारियों, पोस्टमार्टम करने वाले लोगों से भी मुलाकात की। उन्होंने डॉक्टरों से भी बात की।  कैसे किस हालत में उसका शव था। लोगों का क्या कहना था। परिजनों के बयान क्या है। कैसी परिस्थिति थी इन सभी बातों को उन्होंने विस्तार से जाना .

इससे पहले उन्होंने हजारीबाग एसपी से पूरे मामले पर जानकारी हासिल की. उन्होंने केस के आईओ सौरभ अहुजा से भी पूछताछ की. डीसीपीओ, सीडब्ल्यूसी के अलावा बरही अस्पताल में रुपेश का इलाज करने वाले डॉक्टर प्रकाश ज्ञानी से भी जानकारी हासिल की।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.