देश के तमाम विपक्षी दलों की नीति रही है, कि तुष्टीकरण के सहारे किसी एक बड़े समाज को अपने पाले में लिया जाए, और उसके दम पर सत्ता की कुर्सी तक पहुंचा जाए । इसमें जहां पहले कांग्रेस, सपा और बीएसपी का नाम आता था वहीं अब इसमें कुछ समय से एक और पार्टी का नाम जुड़ गया है वो है आम आदमी पार्टी , वैसे तो कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति करने का एक पुराना इतिहास रहा है। एक खास समुदाय को लेकर कांग्रेस का झुकाव किसी से छिपा नहीं है. लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह से ईद और रमजान को लेकर विशेष समुदाय को सहुलियत दी जा रही है उससे साफ समझा जा सकता है कि ये पार्टियां एकतरफा काम कर रही है.
दरअसल एक तरफ जहां हिंदुओं को चैत्र नवरात्र चल रहे हैं वहीं रमजान का महीना भी चल रहा है लेकिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार और दिल्ली की AAP सरकार का प्रेम सिर्फ रमजान को ही लेकर सामने आ रहा है. हिंदुओं के नवरात्र भी चल रहे हैं लगता है इसकी तो जानकारी ही नहीं है, होगी भी कैसे अभी नजदीक में कहीं चुनाव भी तो नहीं है जो माथे पर तिलक और गले में जनेउ डालकर मंदिर पहुंच जाएं.
दरअसल राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने रमजान के महीने में रोजदारों को परेशानी ना हो इसके लिए बिजली विभाग के अधिकारियों को कहा है कि मुस्लिम बहुल इलाके में बिना किसी कटौती के बिजली की सप्लाई जारी रखी जाए. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जी ने दो कदम आगे बढ़ कर दिल्ली जल बोर्ड के हर मुस्लिम कर्माचारियों को रोजाना दो घंटे की छुट्टी देने की घोषणा कर दी है. ये है विशेष समुदाय के प्रति इनका अथाह प्रेम. देखा जाए तो नवरात्र में हिंदु भी व्रत रखते हैं लेकिन उनके लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.
जाहिर है जिस तरह से कांग्रेस, सपा, बीएसपी और AAP मुस्लिमों का तुष्टीकरण कर उन्हें धार्मिक राजनीति में उलझाकर उनका वोट हासिल करने की कोशिश करती है वो किसी से छिपी नहीं है. बावजूद इसके वो तमाम कवायदें फेल हो जाती है. वैसे सवाल ये भी है कि आखिर कब तक विपक्ष तुष्टिकरण के सहारे सत्ता के सपने देखता रहेगा ?
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