दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, बिजली, पानी और क्या-क्या गिनाएं आपको दिल्ली सरकार ने तो इन सबका बंटाधार कर दिया है. स्वास्थ्य व्यवस्था खुद बीमार है, 49 डिग्री की भीषण गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है, और शिक्षा व्यवस्था की तो बात ही मत पूछिए . जिस शिक्षा मॉडल की तारीफ करते दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल थकते नहीं है उसकी कलई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है. भले ही शिक्षा व्यवस्था कितनी ही बदतर क्यों ना हो लेकिन केजरीवाल सरकार अपना नाम लूटने के लिए हर रोज नई योजना और नए फैसले जरुर लेकर सामने आती है .

दरअसल दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सभी प्राइवेट स्कूलों को पहली क्लास से 12वीं क्लास तक के अल्पसंख्यक छात्रों को ट्यूशन फीस वापस करने का आदेश दिया है। सवाल ये कि क्या दिल्ली के बहुसंख्यक छात्र गरीब नहीं हैं ? क्या वे आर्थिक रूप से कमजोर नहीं है ? मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली शिक्षा निदेशालय, दिल्ली DoE द्वारा एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया था। तो क्या माना जाए कि केजरीवाल और AAP को वोट क्या केवल अल्पसंख्यकों ने दिया था? जाहिर है वोट तो सिर्फ एक वर्ग विशेष से मिला था तभी तो केजरीवाल सरकार ने ऐसी योजना की मंजूरी दी और अल्पसंख्यक कार्ड खेलने का काम किया है !

ये तो कुछ भी नहीं दिल्ली सरकार रोहिंग्या छात्रों पर भी मेहरबान हुई है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार पर अपने स्कूलों में रोहिंग्या छात्रों को सामान्य श्रेणी में एडमिशन देकर भारत का नागरिक बनाने का आरोप सामने आया है . दिल्ली सरकार ने ये काम तब किया है जब लगातार देश में रोहिंग्या घुसपैठ कर रहे हैं. भास्कर की टीम को कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिससे पता चलता है कि ऐसे बच्चों के नाम भी पढ़ने वाले बच्चों की लिस्ट में है जो स्कूल में ना तो पढ़ते हैं ना ही आसपास के इलाकों में रहते हैं.

साभार- ट्वीटर

देखा जाए तो CM केजरीवाल ने न सिर्फ दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है बल्कि तुष्टीकरण की राजनीति में नया कीर्तिमान भी बनाया है और सबसे महत्वपूर्ण देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा रोहिंग्याओं के तारणहार बन गए हैं.

 

 

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