25 साल की निकहत जरीन ने हाल ही में वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर विश्व के पटल पर पूरे भारत का मान बढ़ाया है.

निकहत तेलंगाना के एक साधारण से मुस्लिम परिवार से आती हैं. जाहिर है मुस्लिम परिवार से हैं इसलिए उनपर भी हिजाब पहनने और छोटे कपड़े नहीं पहनने का दबाव बनाया गया होगा. लेकिन निकहत ने सिर्फ अपने दिल की सुनी . मुसलमान होने की वजह से निकहत को समाज के साथ ही अपनों के ताने भी सुनने को मिलते थे. कुछ चैनलों को दिये अपने इंटरव्यू में निकहत ने बताया कि उन्हें शॉर्ट्स और ट्रेनिंग शर्ट पहनने पर लोगों के ताने सुनने को मिले. रिश्तेदारों ने बेटी को स्पोर्ट्स में भेजने और छोटे कपड़े पहनने पर इनके पिता को खरी-खोटी सुनाई. लेकिन पिता ने किसी की बात नहीं सुनी और बेटी को वही करने दिया जो वो करना चाहती थी. आज निकहत ने छोटे कपड़ों पर ताना मारने वाले लोगों को गोल्ड मेडल के रूप में करारा जवाब दे दिया है.

निकहत को कहा गया कि मुस्लिम लड़कियां शॉर्ट्स नहीं पहन सकतीं और मर्दों के साथ बॉक्सिंग की प्रैक्टिस नहीं कर सकतीं. लेकिन निकहत ने इस कट्टरवादी विचारधारा से लड़ कर आज पूरी दुनिया को अपनी तारीफ करने पर मजबूर कर दिया है .

कुछ दिन पहले हिजाब गर्ल के नाम से मशहूर हुई मुस्कान तो आपको याद ही होगी, जो मुस्लिम लड़कियों के अधिकार के नाम पर हिजाब की आड़ में बुर्के की बात करती हैं. अपने वीडियो में वे बुर्का पहने हाथ उपर उठाकर धार्मिक नारा लगाती हैं और उनका वीडियो वायरल हो जाता है. उस समय मुस्लिम समाज के लोग छोटी-छोटी बच्चियों को बुर्का और हिजाब पहनाकर मुस्कान से मिलवाने उनके घर पहुंच रहे थे. मुस्लिम संगठन उन्हें ईनाम दे रहे थे. वामपंथी खेमा भी इनकी बड़ाई करते थक नहीं रहा था.

लेकिन इन्हें कौन समझाए कि मुस्कान वो हैं जो मुस्लिम लड़कियों को सदियों पीछे ले जाना चाहती हैं. जबकि निकहत ने तमाम दायरे तोड़कर अपना वजूद बनाया है . वो मुस्लिम लड़कियों को आगे ले जाना चाहती हैं जबकि मुस्कान लड़कियों कैद में रहने वाली आजादी की बात करती हैं.

जिस समय मुस्कान सुर्खियों में आई थी क्या उस समय हिजाब पहने हुए मुस्कान की तस्वीरें को देखकर मुस्लिम समुदाय ने अपने घरों की मुस्लिम लड़कियों पर हिजाब पहनने का दबाव नहीं बनाया होगा. दरअसल मुस्कान को कट्टरपंथियों ने एक मसीहा बना दिया. जिसका खामियाजा उन मुसलमान लड़कियों ने भुगता जो बड़ी मुश्किल से बिना हिजाब पहने अपने घरों से निकल रही थीं.

आखिर में मुस्लिम समाज की लड़कियों और उनके माता-पिता के लिए एक सवाल कि आप अपनी बेटियों को किसकी तरह बनाना चाहेंगे. बॉक्सर गर्ल निकहत की तरह या फिर हिजाब गर्ल मुस्कान की तरह. चुनना आपको है कि अपनी बेटियों के लिए आदर्श के रूप में आप किसे पेश करेंगे …

 

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.